दशहरा पर पंचक का साया, कैसे होगी शस्‍त्र पूजा और रावण दहन?

दशहरा पर पंचक का साया, कैसे होगी शस्‍त्र पूजा और रावण दहन?
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नई दिल्ली। दशहरा महापर्व भगवान राम के लंकापति रावण का वध करने यानी कि बुराई पर अच्‍छी की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। साथ ही दशहरा या विजयादशमी के दिन को बच्चों का अक्षर लेखन शुरू कराने, घर या दुकान का निर्माण करने, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य करने के लिए बेहद शुभ माने गए हैं। हालांकि विजयादशमी के दिन विवाह करना निषेध माना गया है। साथ ही दशहरे के दिन शस्‍त्र पूजन किया जाता है और वाहनों की भी पूजा की जाती है। इस साल दशहरा पर्व बेहद खास है।

दशहरा पर शस्‍त्र पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार साल 2023 में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्तूबर 2023 की शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और 24 अक्तूबर 2023 की दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार इस साल 24 अक्तूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की जाती है। इस साल दशहरे पर शस्‍त्र पूजा का विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 31 मिनट तक है। इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है।

दशहरे पर पंचक का साया
पुराणों के अनुसार जब प्रभु राम ने रावण का वध किया था, तब पंचक काल चल रहा था। इस बार भी दशहरे के दिन पंचक काल रहेगा। इस साल दशहरा पर पंचक 24 अक्‍टूबर की सुबह 4 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो रहे हैं जो 28 अक्‍टूबर की दोपहर 3 बजकर 16 मिनट तक रहेंगे।

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चूंकि पंचक काल में मृत्‍यु होने तक को अच्‍छा नहीं माना जाता है,ऐसे में कल रावण दहन को लेकर कुछ खास बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है। इस बार रावण दहन के समय पंचकों के पांच नक्षत्रों के पांच पुतले भी रावण के पुतले के साथ दहन करने चाहिए,ताकि पंचक के कुप्रभाव को भी भस्म किया जा सके।


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