ट्रक चालकों से वसूली कर रहा था होमगार्ड! तो DM और SP पर 2 लाख जुर्माना क्यों लगा?
लखनऊ। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ट्रक चालकों से वसूली के आरोपी होमगार्ड को बिना पक्के सबूत और गवाह द्वारा फंसाने पर राहत देते हुए उसके खिलाफ दाखिल आरोपपत्र और निचली अदालत द्वारा जारी तलबी आदेश खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह केस इस बात की बानगी है कि पुलिस किस तरह किसी को फर्जी केस में फंसाती है। इसके साथ ही जिले से एसपी और डीएम पर 2 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
कोर्ट ने कहा कि होमगार्ड के खिलाफ विवेचना में पुलिस ने न तो किसी पीड़ित को गवाह बनाया और न ही जिस विडियो के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई, उसे ही बतौर सबूत रेकॉर्ड पर लिया। कोर्ट ने विवेचक द्वारा बिना सबूत केस गढ़ने पर हरदोई के डीएम और एसपी पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह रकम दो महीने में पीड़ित याची को देने को कहा है।
यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने याची राम गोपाल गुप्ता की याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया। सुनवाई के दौरान पीठ के संज्ञान में यह तथ्य आया कि हरदोई के लोनार थाने के एसआई रिशि कपूर के मोबाइल पर किसी ने विडियो भेजा कि कोई पुलिस की वर्दी में ट्रकों से वसूली कर रहा है।
एसआई मौके पर पहुंचे तो विडियो वाले आदमी को वहां पाया। उसने बताया कि वह होमगार्ड है और उक्त विडियो पुराना है। तलाशी में उसके पास 30 रुपये मिले। उसने स्वीकारा कि वह ट्रकों से वसूली करता है, लेकिन यह 30 रुपये वह घर से लाया है। पुलिस ने उसके खिलाफ 13 अक्टूबर 2020 को आरोपपत्र दाखिल किया, जिसका अदालत ने 25 अप्रैल 2022 को संज्ञान लेकर याची को विचारण के लिए तलब कर लिया।
याची की ओर से हाई कोर्ट में आरोपपत्र और तलबी आदेश को चुनौती देकर कहा गया कि उसे फर्जी फंसाया गया है। तर्क दिया गया कि किसी ने याची के खिलाफ वसूली की शिकायत नहीं की और न ही उक्त विडियो को सबूत मानकर उसकी जांच की गई।
हाई कोर्ट ने आरेापपत्र और पूरे केस को खारिज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश की प्रति हरदोई की संबंधित विचारण अदालत, प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव गृह और डीजी अभियोजन को इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए भेजने का आदेश दिया है।