विद्यालयों के कायाकल्प में हो जांच तो सामने आएगा बड़ा घोटाला
गलत आख्या पर दो अधिकारियों सहित चार को नोटिस- बीडीओ को अवकाश पर होने का उठाया था फायदा
सोनभद्र(जनवार्ता)। ग्राम पंचायतों के जरिए 200 परिषदीय विद्यालयों में कराए गए कायाकल्प कार्य में किए गए कथित करोड़ों के घपले और चोपन में एक ही व्यक्ति में खाते में लाखों की मजदूरी भेजने के सामने आए मामले की लीपापोती की हो रही कोशिश को लेकर जनवार्ता द्वारा प्रकाशित की गई खबर का बड़ा असर सामने आया है। जहां गलत आख्या के लिए एडीओ सहकारिता और एडीओ पंचायत को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। वहीं बीडीओ की तरफ से मामले की विस्तृत जांच कर सीडीओ और डीपीआरओ को रिपोर्ट भेजी गई है।
इसके क्रम में डीपीआरओ के यहां से प्रधान-सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के साथ ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। चोपन ब्लाक के कोटा ग्राम पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय सलईबनवा को लेकर अहरौरा निवासी रामनाथ खरवार ने गत 12 मार्च को जिलाधिकारी के यहां आनलाइन शिकायत दर्ज कराई कि चोपन ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सलईबनवा में लाखों खर्च कर बाउंड्रीवाल मरम्मत कार्य, फर्स मरम्मत कार्य, रंगाई-पोताई का कार्य कराया गया है।
इस कार्य के एवज में नियमों को दरकिनार करते हुए एक व्यक्ति, जो ग्राम पंचायत से बाहर का रहने वाला है, के खाते में मजदूरी का 2,52,942 रूपये भेज दिया गया है। यह भुगतान अलग-अलग तिथियों में गत एक जनवरी से 16 फरवरी के बीच किए गए हैं। प्रभारी अधिकारी शिकायत कलेक्ट्रेट ने इस पर खंड विकास अधिकारी चोपन सुनील सिंह से आख्या मांगी। उन्होंने एडीओ पंचायत अमरेश चंद्र को जांच सौंपी।जांच में एक ही व्यक्ति को भुगतान की शिकायत तो सही पाई गई लेकिन इस मामले में जरूरी कार्रवाई शुरू करने की बजाय, भुगतान पाने वाले को मेठ बताते हुए मामले का पटाक्षेप करने की आख्या प्रेषित कर दी गई। तर्क दिया गया कि लेबर बार-बार अपन मजदूरी मांग रहे थे। मेठ ने कहीं से जुगाड़ करके दे दिया था, इस कारण पूरी मजदूरी उसी के खाते में भेज दी गई। जबकि रिकर्ड में मजदूरी का भुगतान एक बार में नहीं पांच अलग-अलग तिथियों में किया गया। तत्कालीन प्रभारी बीडीओ की तरफ से इस बात को जानते हए भी कि किसी प्रकार की मजदूरी लेबर के ही खाते में भेजने के निर्देश हैं, आख्या आगे बढ़ाकर मामले के पटाक्षेप का निवेदन कर दिया। – जैसे ही जनवार्ता ने इस मसले को उठाया और मामले में किए गए घपले और इसे मैनेज करने की हो रही कोशिश ने संबंधितों में हड़कंप मचा दिया। आनन-फानन में दोबारा जांच शुरू कर दी गई। उधर, शिकायतकर्ता ने भी आख्या पर सवाल उठाते हुए, संबंधितों को आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए मामले की नए सिरे से जांच की मांग की। बताते हैं कि जब यह मामला सीडीओ और डीपीआरओ के संज्ञान में आए तो आख्या को अस्वीकार करते हुए बीडीओ से विस्तृत जानकारी तलब कर ली गई। बीडीओ सुनील सिंह ने प्रभारी अधिकारी शिकायत को सोमवार को भेजी आख्या में बताया है कि जिस समय आख्या भेजी गई थी, उस समय वह अवकाश पर थे। इसके लिए उन्होंने प्रभारी बीडीओ का कार्य देख रहे एडीओ सहकारिता और मामले की जांच करने वाले एडीओ पंचायत अमरेश चंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी कर दी है। इसके बाद स्वयं के स्तर से पुनः मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट गत 31 मार्च को ही सीडीओ और डीपीआरओ को भेज दी गई है। चूंकि उक्त कार्य ग्राम पंचायत की राज्य वित्त-केंद्रीय वित्त से संबंधित है। इसलिए डीपीआरओ की तरफ से संबंधित सचिव और प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर नियमानुसार अग्रिम जांच कर कार्रवाई की जा रही है। लोगों का कहना है कि यह महज एक विद्यालय में, सिर्फ मजदूरी का मसला है। जबकि जिले में दो सौ विद्यालयों में कायाकल्प योजना के तहत कार्य कराए गए हैं। सभी जगह भुगतान-निर्माण की जांच करा दी जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।