150 टन वजनी टीबीएम चलेगी तो कांपेगी धरती,ढाई हजार लोगों की होगी निगरानी

150 टन वजनी टीबीएम चलेगी तो कांपेगी धरती,ढाई हजार लोगों की होगी निगरानी
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कानपुर। कानपुर मेट्रो अपना सबसे पेचीदा काम शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। टनल बोरिंग मशीन यानी TBM को जमीन के नीचे उतार दिया गया है। बड़ा चौराहा में बनाए गए लॉन्चिंग शॉफ्ट से नीचे उतारा गया है। इस दौरान रूट में 90 मकानों में रहने वाले करीब ढाई हजार लोग खतरे की जद में रहेंगे। मेट्रो ने एक बार फिर से सर्वे शुरू कर दिया है। इसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

रोजाना 7 मीटर होगी खुदाई
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक रोजाना टीबीएम से करीब 7 मीटर टनल की खुदाई की जाएगी। चुन्नीगंज से नयागंज स्टेशन के बीच अंडरग्राउंड के पहले सेक्शन में मेट्रो की टनल 90 मकानों के नीचे से गुजरेगी। ये सभी मकान बड़ा चौराहा से नयागंज स्टेशन के बीच हैं। मेट्रो ने इन सभी मकानों का सर्वे पहले कर चुकी है। दोबारा फिर किया जा रहा है। एक-एक मकान में पांच या इससे अधिक परिवार तक रह रहे हैं। इस तरह इन मकानों में रहने वालों की संख्या ढाई हजार तक है। फिलहाल कोई भी मकान हाई रिस्क श्रेणी में नहीं है।

TBM का सबसे भारी हिस्सा 120 टन का है। इसे मिडिल शील्ड कहा जाता है। इसके बाद अब मशीन के फ्रंट शील्ड, टेल शील्ड और कटर हेड को भी 21 मीटर लंबे, 24 मीटर चौड़े और 17.5 मीटर गहरे लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारा जाएगा। कुल वजन करीब 150 टन से ज्यादा होगा।

टनल गाइडेंस सिस्टम पर करेगी काम
बड़ा चौराहा से दो टीबीएम मशीनें उतारी जाएंगी जो नयागंज की दिशा में टनल बनाएंगी। अत्याधुनिक कंप्यूटराइज्ड टनल गाइडेंस सिस्टम पर ये काम करेंगी। ये सिस्टम सही अलाइनमेंट पर काम करता है। फूलबाग-नयागंज स्टेशन तक 990 मीटर टनल का निर्माण हो जाने पर टीबीएम मशीन को निकाल लिया जाएगा।

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किराए के मकान में हो सकते हैं शिफ्ट
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक जब टनल जमीन के ज्यादा करीब बनाई जाती है तो उसकी खोदाई के दौरान कंपन ज्यादा होता है और अगर वह काफी नीचे रहती है तो वहां कंपन कम होता है। इसके आधार पर ही रिस्क का आंकलन किया जाता है। दूसरे सर्वे के बाद जो घर रिस्क की श्रेणी में आएंगे, उनके लोगों को टनल की खोदाई के दौरान किराए पर रहने की व्यवस्था कराई जाएगी। उस समय मेट्रो टनल की खोदाई के दौरान अगले 50 मीटर के घरों पर पूरी नजर रहेगी।

एक साथ बनेगी सुरंग और दीवार
टीबीएम की खास बात ये है कि ये एक साथ सुरंग और इसकी सुरक्षा की दीवार भी बनाती जाती जाएगी। बड़ा चौराहा से नरौना चौराहा (नयागंज मेट्रो स्टेशन) के बीच का टनल 100 से 110 दिन में तैयार हो जाएगा। इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी एक किमी. से भी कम है। अहम बात यह है कि बड़ा चौराहा से पहली टनल मशीन जब अप लाइन में 75 मीटर की पक्की सुरंग तैयार कर लेगी तभी दूसरी टनल मशीन डाउन लाइन में इसी तरफ से भेजी जाएगी ताकि दोनों मशीनें एक साथ न चलें।

2 साल का लगेगा समय
जून महीने से बड़ा चौराहा से नरौना चौराहा के बीच सुरंग बननी शुरू हो जाएगी। इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीनों यानि TBM का इस्तेमाल होगा। एक मशीन 24 घंटे में लगभग 10 मीटर तक की पक्की सुरंग बनाएगी। इसमें खुदाई से लेकर भीतर का पक्का आवरण तैयार करना शामिल है। सुरंग की बाहरी आवरण समेत कुल ऊंचाई 6.3 मीटर की होगी जिसके ऊपर एक मोटी सीमेंटेड चादर भी डाली जाएगी ताकि ऊपर का कोई दबाव सुरंग के आवरण पर न पड़े।

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इतने होंगे अंडरग्राउंड स्टेशन
-पहले फेज में चुन्नीगंज से नयागंज (चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज मेट्रो स्टेशन)
-सेकेंड फेज में कानपुर सेंट्रल से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच (कानपुर सेंट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन)

आंकड़ों में कानपुर मेट्रो
-23 किमी. लंबा होगा पहला कॉरिडोर
-7 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं अंडरग्राउंड
-5 किमी. बारादेवी से नौबस्ता के बीच एलिवेटेड होगी मेट्रो
-9 किमी. में शुरू हो चुका है मेट्रो का संचालन


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