महंगाई ने फिर दिया झटका,नवंबर की खुदरा दर बढ़कर 5 परसेंट के पार
नई दिल्ली। पिछले दिनों दूसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़े के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद अब महंगाई दर ने झटका दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे पिछले यह अक्टूबर महीने में 4.87 प्रतिशत पर थी। महंगाई दर बढ़ने का कारण खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी आना है। इसी का असर है कि रिटेल महंगाई दर तीन महीने के उच्च स्तर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
महंगाई दर में अगस्त से गिरावट आ रही
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर अक्टूबर में 4.87 प्रतिशत पर थी। महंगाई दर में अगस्त से गिरावट आ रही है। उस समय यह 6.83 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी महीने में रिटेल इंफलेशन 5.88 प्रतिशत पर थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही,जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी।
चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई
आरबीआई एमपीसी पर पर विचार करते समय मुख्य रूप से रिटेल महंगाई दर पर गौर करता है। उसे 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ इसे चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में उपभोक्ता मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। सितंबर महीने में महंगाई दर का आंकड़ा 5.02 प्रतिशत पर था।
रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं
महंगाई पर फोकस करते हुए आरबीआई ने हाल ही संपन्न मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट पर किसी तरह का बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को लगातार पांचवी बार 6.5 परसेंट पर बरकरार रखा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान खाद्य महंगाई पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में रिटेल इंफलेशन रेट 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.6 परसेंट और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत पर रहने की भी उम्मीद उन्होंने जताई।
उन्होंने इस दौरान कहा था कि हम महंगाई दर को चार परसेंट पर लाने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएं हैं। दास ने बताया था कि एमपीसी मीटिंग के दौरान सभी सदस्यों की सहमति से रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी,2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था।