दरोगा ने गर्भवती पत्नी को मारी गोली
झांसी के बंगरा चौकी प्रभारी शशांक मिश्र ने घरेलू विवाद के चलते गर्भवती पत्नी पर सर्विस रिवाल्वर से दनादन तीन गोलियां दाग दीं। दो गोली पत्नी के बाएं हाथ में जा धंसी। खून से लथपथ पत्नी ने पड़ोसी के यहां शरण लेकर किसी तरह जान बचाई।
बंगरा चौकी प्रभारी शशांक मिश्र ने घरेलू विवाद के चलते गर्भवती पत्नी पर सर्विस रिवाल्वर से दनादन तीन गोलियां दाग दीं। दो गोली पत्नी के बाएं हाथ में जा धंसी। खून से लथपथ पत्नी ने पड़ोसी के यहां शरण लेकर किसी तरह जान बचाई। दरोगा रिवाल्वर समेत फरार हो गया। हालांकि, कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
घायल पत्नी को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। यहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। उधर, एसएसपी राजेश एस ने आरोपी चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दरोगा के सिर पर सवार था खून
पुलिस के अनुसार, शशांक मिश्र अपनी पत्नी शालिनी (28) दरोगा पति के सिर पर खून सवार देखकर बुरी तरह सहम उठी थी। दरोगा हाथ में रिवाल्वर लेकर गोलियां दाग रहा था लेकिन, शालिनी ने हिम्मत नहीं हारी। हाथ में कोहनी के ऊपर दो गोलियां लगने से वह खून से लथपथ हो गई।
गर्भवती पत्नी को घायल देखकर भी दरोगा शशांक का गुस्सा शांत नहीं हुआ। शालिनी का कहना है कि शशांक के फिर फायर झोंकने पर वह हिम्मत करके बाहर की ओर भागी। बाहर जूते का रैक रखा हुआ था। उसकी आड़ लेने की वजह से वह शशांक को नजर नहीं आई। उसी की आड़ लेकर वह पड़ोसी के घर तक पहुंची। वहां पहुंचने के बाद उसकी जान बची।
शोर शराबा सुनकर पड़ोस के लोग भी जुट गए। शालिनी मूल रूप से मऊरानीपुर ब्लाक के लहचूरा गांव की रहने वाली है। उसके पिता अखिलेंद्र रावत भी पुलिस विभाग में दरोगा हैं। इन दिनों कानपुर देहात में एसपी कार्यालय में उनकी तैनाती है। शालिनी के पिता अखिलेंद्र के मुताबिक दिसंबर 2021 में शादी की थी।
शादी के कुछ माह बाद से ही विवाद होने लगा था। शशांक मूल रूप से बांदा का रहने वाला है। उसके पिता दया प्रसाद मिश्र भी पुलिस विभाग में दरोगा थे लेकिन, वर्ष 2015 में बीमारी के चलते उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 2016 में शशांक की मृतक आश्रित कोटे में भर्ती हुई। ट्रेनिंग से लौटने के बाद वर्ष 2019 से शशांक झांसी के कई थाने एवं चौकियों में तैनात रहे। शालिनी के परिजनों का कहना है शादी के बाद से दहेज के लिए शशांक की मां, उसका भाई अक्सर परेशान करते थे। करीब 30 लाख रुपये दहेज में देने के बाद भी सोने की 50 अंगूठी मांगी जा रहीं थीं। शालिनी के पिता ने हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उधर, एसएसपी राजेश एस का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा गया है।
गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर पड़ोसियों में मच गई खलबली
दरोगा शशांक मिश्र के घर से आधी रात को गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर पड़ोसियों में भी खलबली मच गई। शशांक के घर से कुछ ही दूर एक चिकित्सक का घर है। गोलियों की आवाज सुनकर वह लोग भी सहम उठे। वह लोग अनुमान नहीं लगा पा रहे थे आखिर गोलियां कहां से चलीं। कुछ ही देर बाद घायल हाल में शालिनी उनके घर पहुंच गई।
शालिनी से घटना के बारे में सुनकर उनके भी होश उड़ गए। तब तक शशांक के पास रिवाल्वर थी। आसपास के लोग भी जुट गए। शशांक को रिवाल्वर के साथ घूमता देखकर कुछ लोगों को लगा कि पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई हालांकि कुछ देर बाद हकीकत कुछ अलग ही निकली। उन लोगों का कहना है तब तक शशांक का गुस्सा शांत हो चुका था।
उन लोगों ने समझा-बुझाकर शशांक से किसी तरह रिवाल्वर रखवाई। कुछ देर बाद मौके पर फोरेंसिक टीम भी पहुंची। फोरेंसिक टीम ने वहां फैले खून के निशान के सैंपल लिए। घर के अंदर का सारा सामान भी बिखरा हुआ था। अंदर से एक कारतूस का खोखा बरामद हुआ है।