नशीला केक और रहस्यमयी मौत…हीरा कारोबारी के कत्ल की दर्दनाक दास्तां

नशीला केक और रहस्यमयी मौत…हीरा कारोबारी के कत्ल की दर्दनाक दास्तां
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नई दिल्ली। वो 27 नवंबर 2018 का दिन था, जब मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहने वाले हीरों के कारोबारी राजेश्वर उदाणी को आखिरी बार देखा गया था। ऑफिस से लौटते वक्त ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर राजेश्वर अपनी कार से उतरे और दूसरी गाड़ी में बैठकर चले गए। इसके बाद वह कभी घर नहीं लौटे। परिजनों ने काफी तलाशा और जब वह नहीं मिले तो पुलिस के पास उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। धीरे-धीरे आठ दिन बीत गए, लेकिन कहीं से भी राजेश्वर के बारे में कोई सुराग नहीं मिला।

पुलिस राजेश्वर की तलाश में जुटी ही थी कि आठवें दिन 4 दिसंबर को उनकी लाश पनवेल में मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा किया और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि राजेश्वर की नाक की हड्डी टूटी हुई है और उनकी मौत दम घुटने से हुई है। मतलब साफ था कि उनके चेहरे को किसी चीज से दबाकर उनका कत्ल किया गया था।

राजेश्वर की गुमशुदगी का मामला अब मर्डर केस में बदल चुका था। ऐसा केस, जिसमें सबकुछ रहस्यमय था और सवाल बहुत सारे थे। आखिर वो कौन था, जिसके साथ 27 नवंबर को राजेश्वर उस गाड़ी में बैठकर गए? अगर वो किसी काम से उस गुमनाम शख्स के साथ गए थे तो उन्होंने इस बारे में अपने परिवार को क्यों नहीं बताया। और सबसे बड़ा सवाल- राजेश्वर का कत्ल किसने और क्यों किया?

राजेश्वर के कातिल का सुराग
इस केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने सबसे पहले राजेश्वर के ड्राइवर से बात की। उसके मालिक किसके साथ गाड़ी में गए थे, इस बारे में उसे भी नहीं पता था, लेकिन उसने बताया कि राजेश्वर ने कार से उतरने से पहले किसी से फोन पर बात की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने राजेश्वर की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि आखिरी बार उनकी बातचीत महाराष्ट्र के एक मंत्री के पर्सनल असिस्टेंट रह चुके सचिन पवार से हुई थी।

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अब पुलिस ने राजेश्वर के फोन के मेसेज भी निकलवाए। मेसेज से खुलासा हुआ कि सचिन पर उनके कुछ रुपये उधार थे और वो लगातार इन्हें लौटाने के लिए कह रहे थे। पुलिस अभी सचिन के बारे में कुछ और सुराग तलाश ही रही थी कि इसी बीच पता चला कि वह राजेश्वर के केस के बारे में लगातार अपडेट ले रहा है। पुलिस का शक उसके ऊपर अब और गहरा हो गया।

महिला की बर्थडे पार्टी का बहाना
पुलिस ने शक के आधार पर सचिन को हिरासत में लिया और जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह टूट गया। अपना जुर्म कबूलते हुए सचिन ने बताया कि उसने ही राजेश्वर का कत्ल किया है और इस काम में उसके साथ एक सस्पेंड पुलिस कॉन्स्टेबल दिनेश पवार सहित कुछ और लोग भी शामिल थे। उसने राजेश्वर को इसलिए मारा, क्योंकि वो लगातार उससे अपने रुपये मांग रहे थे।

पुलिस के मुताबिक, 27 नवंबर को राजेश्वर अपनी कार से उतरकर सचिन के साथ दूसरी गाड़ी में बैठ गए। दरअसल, सचिन ने उन्हें बताया कि पनवेल में उसकी एक महिला दोस्त की बर्थडे पार्टी है और सब लोग वहीं जा रहे हैं। इसके बाद रास्ते में एक जगह से इन लोगों ने केक खरीदा, जिसमें पहले से नींद की दवाई मिलाई हुई थी।

मुंह में जबरन ठूंसा केक
पनवेल पहुंचने पर सचिन ने कहा कि केक गाड़ी में ही काट लेते हैं और इसके बाद पार्टी करते हैं। केक काटा गया, लेकिन राजेश्वर ने खाने से मना कर दिया। शायद उन्हें कुछ गलत होने का अंदेशा हो गया था। इसके बाद सचिन और उसके साथियों ने जबरदस्ती राजेश्वर के मुंह में केक ठूंस दिया और तब तक उनका मुंह दबाए रखा, जब तक कि उनकी मौत नहीं हो गई।

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इसके बाद इन्होंने लाश को सुनसान इलाके में फेंका और फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में सचिन और दिनेश के अलावा पांच और लोगों को भी गिरफ्तार किया। ये वो लोग थे, जिन्होंने कत्ल करने और सबूत मिटाने में सचिन का साथ दिया था। पुलिस को वह दुकान भी मिल गई, जहां से केक खरीदा गया था। साथ ही जिस कार में कत्ल की वारदात को अंजाम दिया गया, उसमें केक के दाग भी मिले।


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