क्या विपक्षी एकता की तस्वीर साफ हो चुकी है? समझें इस एक मुद्दे से
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी (BJP) का देशभर में आउटरीच प्रोग्राम जारी है। इस बीच पटना में 23 जून को विपक्ष की बैठक होगी। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले मंगलवार (13 जून) को विपक्षी एकता की तस्वीर देखने को मिली। तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी के आवास पर मंगलवार को हुई ईडी (ED) की छापेमारी की सभी मुख्य विपक्षी नेताओं ने एक सुर में आलोचना की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सेंथिल बालाजी को बुधवार (14 जून) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार भी कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे,एनसीपी चीफ शरद पवार,पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी,दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई विपक्षी नेताओं ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इस मामले पर एकजुटता दिखाने के लिए विपक्षी नेताओं का धन्यवाद भी किया।
तमिलनाडु के मंत्री की गिरफ्तारी पर विपक्ष एकजुट
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की देर रात गिरफ्तारी हुई,वे कहीं भागने वाले नहीं थे। वे मुंह छिपाने वाले आदमी नहीं हैं। अगर कोई गलती हुई है तो आप सुबह भी आकर जांच कर सकते थे। इस घटना की में कड़ी निंदा करता हूं। बीजेपी डराने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार डराकर परेशान कर रही है और एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। ये हथकंडे विपक्ष को चुप कराने में कामयाब नहीं होंगे।”
“बीजेपी की राजनीतिक बदले की कार्रवाई”
टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छापेमारी की निंदा करते हुए आरोप लगाया,”केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने बदले की राजनीति के तहत यह कार्रवाई की। मैं द्रमुक के खिलाफ बीजेपी की राजनीतिक बदले की कार्रवाई की निंदा करती हूं। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग जारी है। ईडी ने तमिलनाडु के मंत्री के राज्य सचिवालय स्थित कार्यालय और उनके आधिकारिक आवास पर छापे मारे जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।ये बीजेपी की हताशा में की गई कार्रवाई है।”
महाराष्ट्र के नेताओं ने भी बोला हमला
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा,”मैं विपक्षी दलों के मंत्रियों के खिलाफ ईडी की लगातार कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं। सेंथिल बालाजी के कार्यालय पर छापे के साथ,ईडी अब अलोकतांत्रिक केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज को कुचलने के अपने मकसद के साथ दक्षिणी राज्यों में पहुंच गया है।” शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा,”मेरा मानना है कि मेरे खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा, “जो भी पार्टी या नेता बीजेपी या उसकी सरकार के खिलाफ खड़ा होगा बीजेपी उनमें से किसी को भी नहीं बख्शेगी।”
“जांच एजेंसियां बीजेपी का राजनीतिक हथियार”
आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा,”सीबीआई और ईडी का नाम बदलकर “बीजेपी सेना” रख देना चाहिए। एक जमाना था जब इन जांच एजेंसियों की इज्जत थी। ये कहीं रेड मारते थे या किसी को गिरफ्तार करते थे तो लगता था उस व्यक्ति ने कुछ गलत किया होगा। आज ये एजेंसियां केवल बीजेपी का राजनीतिक हथियार बनकर रह गयी हैं।”
“विपक्ष की बैठक से पहले मोदी सरकार की हताश प्रतिक्रिया”
जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ईडी की छापेमारी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विपक्षी दलों की बुलाई गई बैठक से पहले मोदी सरकार की हताश प्रतिक्रिया करार दिया। ललन सिंह ने कहा,”ईडी ने तमिलनाडु में थिरू वी। सेंथिल बालाजी के घर पर छापा मारा है जो 23 जून को पटना में नीतीश कुमार की ओर से बुलाई गई सभी विपक्षी पार्टियों की बैठक को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार की घबराहट और हताशा को परिलक्षित करता है। बीजेपी सरकार विपक्षी दलों को बदनाम करने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।”
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बालाजी के खिलाफ ईडी की छापेमारी को डराने-धमकाने की राजनीति करार दिया था। स्टालिन ने बीजेपी पर बुधवार को निशाना साधा और कहा,”उनके मंत्री व उनकी पार्टी इस मामले का सामना कानूनी रूप से करने को तैयार है।”स्टालिन ने पूछताछ के नाम पर ईडी अधिकारियों पर नाटक करने और बालाजी को शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया।
स्टालिन ने विपक्षी नेताओं का किया धन्यवाद
एमके स्टालिन ने विपक्षी नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा, “मैं मल्लिकार्जुन खरगे,शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और बाकी सभी विपक्षी नेताओं का हमारे मंत्री पर ईडी के छापे की कड़ी निंदा करने के लिए धन्यवाद करता हूं। हम अडिग हैं और बीजेपी की डराने-धमकाने वाली रणनीति और अलोकतांत्रिक छापों के विरोध में प्रतिबद्ध रहेंगे।”
विपक्षी दलों की बैठक में ये नेता होंगे शामिल
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में स्टालिन के अलावा आने वाले अन्य नेताओं में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीएम अरविंद केजरीवाल, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।