SCO समिट में जयशंकर ने 8 दस्तावेजों पर किए हस्ताक्षर..इशारों-इशारों में पाकिस्तान को दिया बड़ा संदेश
नई दिल्ली। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक खत्म हो चुकी है। एससीओ के मंच से भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की अपनी मांग दोहराई। जिससे परिषद को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप ढाला जा सके। बैठक खत्म होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि SCO परिषद की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। जिसमें आठ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत ने चर्चाओं में एक सकारात्मक और रचनात्मक योगदान दिया।
भारत की नजर से आठ मुख्य बातें..
एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य: इस विचार पर संवाद विकसित करने पर जोर दिया गया।
स्टार्टअप और पारंपरिक चिकित्सा: SCO सदस्यों ने भारत के स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप और इनोवेशन कार्य समूह, और पारंपरिक चिकित्सा के प्रयासों का स्वागत किया।
डिजिटल समावेशन: डिजिटल समावेशन और डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग SCO सहयोग के ढांचे में शामिल किया जाएगा।
Mission LiFE: UNSDGs को प्राप्त करने के लिए Mission LiFE से प्रेरणा लेने का निर्णय लिया गया।
खाद्य सुरक्षा: जलवायु-प्रतिरोधी और पौष्टिक अनाज जैसे मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
संविधान के अनुरूप कनेक्टिविटी परियोजनाएं: अंतरराष्ट्रीय कानून और UN चार्टर के सिद्धांतों के अनुसार कनेक्टिविटी परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
व्यापार प्रणाली: WTO के केंद्र में एक नियम-आधारित, निष्पक्ष और पारदर्शी बहुपरकारी व्यापार प्रणाली की पुनः पुष्टि की गई।
संरक्षणवादी उपायों का विरोध: ऐसे संरक्षणवादी उपायों, एकतरफा प्रतिबंधों, और व्यापार प्रतिबंधों का विरोध किया गया, जो बहुपरकारी व्यापार प्रणाली और वैश्विक स्थायी विकास को बाधित करते हैं।
बहुराष्ट्रीय संगठनों में सुधार की सख्त जरूरत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘बहुराष्ट्रीय संगठनों में सुधार’ की सख्त जरूरत है और एससीओ को इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप बैठने की बजाय इस तरह के बदलावों की वकालत करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को पुनर्गठित करने का समय आ गया है ताकि यह ज्यादा देशों का प्रतिनिधित्व कर सके, अधिक समावेशी, पारदर्शी, प्रभावी, लोकतांत्रिक और उत्तरदायी बन सके।
विदेश मंत्री ने कहा, “स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की जरूरत है। मैं आपको याद दिलाता हूं कि हमने जुलाई 2024 में अस्ताना में स्वीकार किया था कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता व्यापक सुधार के माध्यम से विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने पर निर्भर है।”
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में भारत की भूमिका
भारत यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत है, लेकिन कुछ मौजूदा सदस्यों की आपत्तियां इसमें बाधा बन रही हैं। विदेश मंत्री ने भारत की उन वैश्विक पहलों और राष्ट्रीय प्रयासों का भी जिक्र किया जो एससीओ के लिए प्रासंगिक हैं। इसके साथ ही जयशंकर ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में भारत की भूमिका के बारे में भी बताया जो ऊर्जा के स्रोत में बदलाव की जरूरत को स्वीकार करता है। उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस हमारी जैव-विविधता की रक्षा करता है।”
इससे पहले, जयशंकर ने “आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद” को “तीन बुराइयां” बताते हुए सीमा पार आतंकवाद पर मेजबान पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए इन तीनों मसलों को हल करने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा, “यदि सीमा पार से आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं, तो इनसे व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है।” जयशंकर ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को ‘अच्छे पड़ोसी’ होने का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, “यदि विश्वास की कमी है या सहयोग नाकाफी है, अगर दोस्ती में कमी आई है और अच्छे पड़ोसी होने की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने और इन समस्याओं का समाधान खोजने की जरुरत है।”