ये बड़ी उपलब्धि हासिल करने से बस एक कदम दूर लखनऊ,प्रशासन ने लोगों को दी ये सलाह
लखनऊ। कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में धीरे-धीरे कम होने लगा है और इस बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जीरो-कोविड सिटी बनने के लिए तैयार है। करीब 999 दिनों बाद लखनऊ को यह उपलब्धि हासिल होगी। लखनऊ में अब सिर्फ एक सक्रिय मामला है,जिसे जल्द ही कोरोनामुक्त घोषित किया जा सकता है।
9 दिनों से आइसोलेशन में है आखिरी मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, लखनऊ में कोरोना वायरस का सिर्फ एक सक्रिय मामला है,जिसे सांस लेने में दिक्कत होने के बाद कमांड अस्पताल में नौ दिन पहले कोविड -19 का पता चला था। 65 वर्षीय मरीज के होम आइसोलेशन की अवधि रविवार रात समाप्त हो गई और उनमें कोई लक्षण नहीं दिखा। अब जल्द ही उनके बीमारी से उबरने की घोषणा की जाएगी।
11 मार्च 2020 को आया था पहला मामला
लखनऊ में कोविड-19 का मौजूदा मरीज सेना के एक जवान का पिता है। संयोग से लखनऊ में पहला मामला टोरंटो के एक 35 वर्षीय डॉक्टर का था, जो सेना के एक रिटायर अधिकारी की बहू थी। उन्हें 11 मार्च, 2020 को कोरोना वायरस संक्रमण का पता चला था।
4 दिनों से सामने नहीं आया कोई मामला
लखनऊ ने पिछले 21 महीनों में कोरोना वायरस महामारी की तीन लहरों का सामना किया है,लेकिन लखनऊ में पिछले चार दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
कोविड-19 की पहली लहर सबसे लंबी नौ महीने तक चली थी और इस दौरान 80 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे,जबकि 1100 से अधिक लोगों की जान गई थी। दूसरी लहर डेल्टा वेरिएंट सबसे घातक थी,जिस दौरान सिर्फ 81 दिनों में 1.5 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए और इसमें से 1400 लोगों की जान गई। कोरोना वायरस की तीसरी और आखिरी लहर ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण आई थी और इससे बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए, लेकिन इसकी गंभीरता कम थी और कम मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। इसके साथ ही ओमिक्रॉन वेरिएंट से लोगों की रिकवरी भी जल्दी हुई।
प्रशासन ने लोगों को सावधान रहने की सलाह
लखनऊ जीरो-कोविड सिटी बनने को तैयार है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा,’हमें कोविड-19 को तब तक हल्के में नहीं लेना चाहिए, जब तक कि यह पूरी तरह से खत्म न हो जाए। लोगों को हाथों की स्वच्छता का पालन करना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए।