विधानसभा में दिखा केजरीवाल का बहुमत
दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लाया गया कॉन्फिडेंस मोशन पास हो गया है। बीजेपी विधायकों की गैरहाजिरी में हुई वोटिंग में केजरीवाल के समर्थन में 58 ‘आप’ विधायकों ने वोट किया, जबकि विपक्ष में एक भी मत नहीं आया। 70 सीटों वाली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप के तीन विधायकों की गैरहाजिरी की वजह भी बताई।
मत विभाजन के जरिए आप सरकार ने बहुमत दिखाया। विधायकों को खड़ा करके वोटों की गिनती की गई।59 विधायक (डेप्युटी स्पीकर समेत) सदन में मौजूद रहे। विरोध में जीरो वोट पड़े क्योंकि सदन में विपक्ष मौजूद नहीं था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के जो तीन विधायक नहीं हैं, उनमें से एक सत्येंद्र जैन जेल में है। दूसरे विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल कनाडा में हैं, जबकि एक अन्य विधायक नरेश बाल्यान आस्ट्रेलिया गए हैं।
दिल्ली में कथित शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सिसोदिया समेत 12 विधायकों से संपर्क करने और उन्हें तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पिछले शुक्रवार को खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विश्वास मत का प्रस्ताव सदन में रखा था।
पिछले कई दिनों से सदन में हंगामे की वजह से इस पर वोटिंग नहीं हो पाई थी। गुरुवार को फिर कार्यवाही की शुरुआत हंगामेदार रही। विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़ला के साथ बहस करने के बाद भाजपा के तीन विधायकों को पूरे सत्र के लिए मार्शल की मदद से निकाल दिया गया। इसके बाद बाकी विधायक भी वॉकआउट कर गए। बिड़ला ने आदेश दिया कि भाजपा विधायकों विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा और मोहन सिंह बिष्ट को मार्शल की मदद से बाहर कर दिया जाए। इसके तुरंत बाद भाजपा के बाकी विधायक विधानसभा से बहिर्गमन कर गए। बिड़ला ने कहा कि विपक्षी सदस्य मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए विधानसभा में आए और उन्हें जन-केंद्रित मुद्दों की परवाह नहीं है।