मांझी ने की अमित शाह से मुलाकात, NDA में जाने पर बोले-सवाल ही नहीं उठता, नीतीश के साथ रहने की खाई कसम

मांझी ने की अमित शाह से मुलाकात, NDA में जाने पर बोले-सवाल ही नहीं उठता, नीतीश के साथ रहने की खाई कसम
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पटना | हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात (Jitan Ram Manjhi Amit Shah Meet) की। दोनों की मुलाकात को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वहीं, मुलाकात के बाद मांझी ने कहा कि एनडीए में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश कुमार के साथ रहने का संकल्प लिया है। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सारी योग्यता है। वे ईमानदारी से विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं।

हम के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने बताया कि अमित शाह से जीतन राम मांझी की मुलाकात दिन के 11 बजे होगी। वे गृहमंत्री से मिलकर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह, पर्वत पुरुष दशरथ मांझी और भूतपूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग रखेंगे। इस दौरान अमित शाह और जीतन राम मांझी के बीच चुनावी समीकरण और रणनीति पर भी बात हो सकती है।

लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, बिहार में सियासी गर्माहट बढ़ गई है। बिहार के नेताओं का दिल्ली दौरा शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।

उनके इस दौरे को लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने नेताओं से मिलकर भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने की अपील की है।

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इसके साथ ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी दिल्ली में हैं। सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी से मुलाकात कर उनकी बेटी को आशीर्वाद दिया।

अमित शाह से जीतन राम मांझी बिहार के विभूतियों को भारत रत्न देने की मांग करेंगे। ऐसे में उन लोगों के बारे में जानते हैं-

जननायक कर्पूरी ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग
कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे। कर्पूरी ठाकुर को गरीबों और दबे-कुचले वर्ग की आवाज कहा जाता था, इसलिए उन्हें जननायक कहा गया। जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी सीएम थे। 1967 में उन्होंने बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया।

बरौनी रिफाइनरी, कृषि विश्वविद्यालय श्रीकृष्ण सिंह की सौगात
श्रीकृष्ण सिंह के योगदान को भूला नहीं जा सकता है। वे 1946-1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 15 साल के कार्यकाल में बिहार में उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला और सामाजिक क्षेत्र में कई सराहनीय कार्य किए।

आजाद भारत की पहली रिफाइनरी- बरौनी ऑयल रिफाइनरी, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना- सिन्दरी और बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना-भारी उद्योग निगम (एचईसी) हटिया, गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क पुल-राजेंद्र पुल, कोसी प्रोजेक्ट, पूसा और सबौर का एग्रीकल्चर कॉलेज बनवाने में श्रीकृष्ण का बड़ा योगदान है।

दशरथ मांझी ने चीरा था पहाड़ का सीना
मांझी बिहार के नेताओं के लिए भारत रत्न की मांग करने दिल्ली गए हैं। वे पहाड़ का सीना चीरने वाले दशरथ मांझी के लिए भी भारत रत्न की मांग करेंगे। बता दें कि पत्नी की मौत के बाद गया के रहने वाले दशरथ मांझी ने अपने हाथों से पहाड़ काटकर रास्ता बनाया था। उन्होंने 22 साल में 25 फीट ऊंचा, 30 फीट चौड़ा और 360 मीटर लंबे पहाड़ को काटकर आम लोगों के लिए रास्ता बना दिया था। उनपर फिल्म ‘मांझी द माउंटन मैन’ भी बन चुकी है।

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