सीसीटीवी की निगरानी में दी जाएंगी दवाएं, फर्जीवाड़ा रोकने को लेकर डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश
लखनऊ | मेडिकल काॅलेजों में उपचार कराने आ रहे रोगियों को अस्पताल राहत कोष (एचआरएफ) के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही सस्ती दवाओं की अब सख्त निगरानी होगी। केजीएमयू में एचआरएफ की दवाएं बाहर मार्केट में बेचने का भंडाफोड़ होने के बाद सभी मेडिकल कालेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पर्याप्त सावधानी बरतें। एचआरएफ के दवा काउंटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, दवा ही नहीं पर्चा व जांच काउंटर पर तैनात कर्मियों के पटल परिवर्तन किए जाएं। हर हाल में गड़बड़ी रोकी जाए।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि शत-प्रतिशत मरीजों को सस्ती दवाओं का लाभ दिलाया जाए। एचआरएफ का काउंडिकल कालेज में कहां-कहां है, इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। ओपीडी व भर्ती मरीजों के पर्चे से दवा के स्टाक का मिलान कर समय-समय पर आडिट किया जाए।
ऐसी दवाएं जो अत्याधिक मात्रा में बिक रही हैं, उनकी सूची तैयार की जाए और यह पता लगाया जाए कि वास्तव में डाक्टर प्रतिदिन कितने मरीजों को यह दवा लिख रहे हैं। ज्यादा बिकने वाली दवाओं की निगरानी की जाए और अगर किसी दवा की अचानक बिक्री बढ़ गई है तो उसके कारणों का पता लगाते हुए रिपोर्ट तैयार की जाए। समय-समय पर अधिकारी औचक निरीक्षण कर स्टाक चेक करें। स्टाक रजिस्टर हमेशा अपडेट होना चाहिए।मालूम हो कि मरीजों को सस्ती दवाएं दिलाने के लिए मेडिकल कालेजों की ओर से एचआरएफ के दवा काउंटर स्थापित किए गए हैं। यहां बिकने वाली दवाएं बाजार के मुकाबले न्यूनतम 30 प्रतिशत और उससे अधिक सस्ती होती हैं।