महबूबा की PM मोदी को चुनौती,कहा-चीन के अवैध कब्जे वाली जमीन पर फहराएं तिरंगा

महबूबा की PM मोदी को चुनौती,कहा-चीन के अवैध कब्जे वाली जमीन पर फहराएं तिरंगा
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती अक्सर बीजेपी पर हमलावर रहती हैं और इस बार भी उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने तिरंगे का भी राजनीतिकरण किया है और अब लोगों को हर घर झंडा फहराने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यही नया कश्मीर है? महबूबा ने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा,’अगर आप में दम है तो चीन की ओर से अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन के हिस्से में तिरंगा फहराने की हिम्मत करें।’ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर घाटी में लोगों को तिरंगा फहराने के लिए मजबूर करने से कुछ हासिल नहीं होगा। केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर इस स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है, जिसे लेकर बीजेपी शासित राज्यों में जोर-शोर से तैयारियां भी चल रही हैं।

महबूबा ने फिर दोहराया पाकिस्तान राग

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर पार्क में पार्टी के 23वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए भाजपा पर कश्मीर की शांति भंग करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘मैं मोदी जी से कहना चाहती हूं कि अगर आप भारत को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं तो आपको पहले जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करनी चाहिए और पहले देश को बचाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत के विश्वगुरु बनने का मार्ग कश्मीर से होकर जाता है, जी20 से नहीं। यह सार्क से होकर आता है। उन्होंने कहा कि भारत को श्रीलंका मुद्दे पर सार्क की बैठक बुलानी चाहिए थी,लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।

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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सार्क में सबसे बड़ी बाधा भारत-पाक संबंध हैं और जब तक दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं होंगे,कश्मीर को नुकसान होता रहेगा। महबूबा ने सवाल किया,’कश्मीर पर आक्रमण करने वाले पुराने हमलावरों और राजाओं ने यहां मस्जिदों के निर्माण के लिए मंदिरों को नष्ट कर दिया और आप मंदिरों के निर्माण के लिए मस्जिदों को नष्ट कर रहे हैं। उनमें और आप में क्या अंतर है?” महबूबा ने कहा कि लोग विध्वंस करने वालों को याद नहीं रखते बल्कि राष्ट्र निर्माण करने वालों को याद रखते हैं।

कारोबारियों को सौंपी हमारी जमीन
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान, पंजाब के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं तो कश्मीर के माध्यम से क्यों नहीं, क्या यहां कोई युद्ध चल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सभी को सीपीईसी का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है और भारत ने इसका विरोध किया लेकिन वे नहीं रुकेंगे क्योंकि आप 370 पर भी नहीं रुके। पीओके में लोग भाग्यशाली हैं कि वे सीपीईसी और विकास का हिस्सा होंगे।

महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि अमरनाथ यात्रा का भी राजनीतिकरण किया गया है और एक एजेंडे के लिए यात्रियों की बलि दी गई है। उन्होंने कहा,’मैं पाकिस्तान के बारे में बात करूंगी और पड़ोसी देश के साथ बातचीत का समर्थन तब तक करूंगी जब तक कश्मीर में 10 लाख सशस्त्र बल हैं और कश्मीर में शांति बहाल नहीं होगी।.’ उन्होंने कहा भाजपा को केंद्र में बहुमत मिला और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक रूप से निरस्त कर दिया।

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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हमारी जमीन, सेना और उद्योगपतियों को सौंप रही है,लेकिन स्थानीय आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल कर रही है। नौकरियां बिक्री के लिए हैं,लेकिन यह सब जम्मू-कश्मीर में शांति को नष्ट कर रहा है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को वह लौटा देना होगा जो हमसे लिया है। उन्होंने कहा, ‘जब तक पाकिस्तान के साथ बातचीत बहाल नहीं होगी,क्षेत्र में शांति संभव नहीं है। जब तक बातचीत नहीं होगी, मैं पाकिस्तान के बारे में बात करती रहूंगी।’

शांति के लिए कश्मीर मुद्दे का हल जरूरी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं पीएम मोदी से लोहार नहीं बल्कि सुनार बनने को कहती हूं। हमने न केवल भारत का झंडा बल्कि भारत का संविधान भी स्वीकार किया था। लेकिन हमारा भी अपना एक झंडा और संविधान है। जब तक इसे बहाल नहीं किया जाता, तब तक जम्मू कश्मीर और दक्षिण एशिया में शांति नहीं आ सकती है।’


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