‘चमत्कारी रुद्राक्ष’ ने ले ली तीन साल के बच्चे की जान,आस्था का दरबार बना ‘मृत्युलोक’
भोपाल। मध्यप्रदेश के सिहोर से एक दिल झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। कुबेरेश्वर धाम मंदिर के रुद्राक्ष महोत्सव में बदइंतजामी के चलते एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। इसके साथ ही कम से कम 70 श्रद्धालुओं के बीमार होने की खबर सामने आई है। सिहोर में बने कुबेरेश्वर धाम मंदिर परिसर में पिछले दो दिनों से रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है। जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालुओं की भीड़ चमत्कारी रुद्राक्ष हासिल करने पहुंची है। हालांकि,यहां की बदइंतजामी की शिकायत लोगों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है।
भीड़ का आलम ऐसा है कि लोगों को जहां भी जगह मिल रही है,वो वहीं पर डेरा जमाकर बैठ गए हैं। लोगों को पांव रखने की जगह नहीं मिल रही है और पूरे इलाके की सड़कें जाम हो गई हैं। लोगों की लंबी-लंबी कतारों के चलते लाखों भक्तों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक,रुद्राक्ष वाले बाबा प्रदीप मिश्रा का ये महोत्सव करीब हफ्तेभर तक चलेगा।
मां की गोद में 3 साल के बच्चे ने तोड़ा दम
रुद्राक्ष महोत्सव के शुरुआती दो दिनों में ही यहां की सारी व्यवस्था चरमरा गई। जिसकी वजह से एक मां ने अपने 3 साल के बच्चे को हमेशा के लिए खो दिया। ये मां इस उम्मीद में कुबेरेश्वर धाम में आई थी कि चमत्कारी रुद्राक्ष मिल जाएगा और बीमार बेटे का इलाज हो जाएगा। लेकिन ना रुद्राक्ष मिला और ना ही बेटा ठीक हुआ। तीन साल के मासूम अमोघ भट्ट ने मां की गोद में ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। मासूम बच्चे के पिता विवेक विनोद भट्ट महाराष्ट्र के जलगांव से पत्नी और दो बच्चों के साथ कुबेरेश्वर धाम आए थे।
बच्चे के पिता ने बताया कि गाड़ी की सुविधा नहीं होने से वो लोग पैदल ही कुबेरेश्वर धाम की तरफ चल पड़े।लेकिन रास्ते में बच्चे की तबीयत खराब हो गई. आनन-फानन में उन्होंने बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे,जहां डॉक्टरों ने पहले उसे ICU में भर्ती किया। लेकिन कुछ ही घंटे बाद उन्होंने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि इससे पहले 40 साल की एक महिला मंगल बाई भी कुबेरेश्वर धाम की बदइंतजामी का शिकार बन गई थी। महाराष्ट्र की रहने वाली मंगल बाई गुरुवार की शाम कुबेरेश्वर धाम पहुंची थी। भीड़ की वजह से वो अचानक चक्कर खाकर गिर पड़ी थी। जब तक उन्हें अस्पताल में ले जाया गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
बदइंतजामी ने ली लोगों की जान
जिन लोगों ने अपनों को खोया है, वो कुबेरेश्वर धाम के इंतजामों पर सवाल उठा रहे हैं। यहां पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं में से कई लोग ऐसे हैं, जो पिछले दो दिनों से दर-बदर की ठोकरें खा रहे हैं। जिनमें कोई छत्तीसगढ़ से आया है, कोई बिहार से,कोई झारखंड से,कोई ओडिशा से तो कोई महाराष्ट्र से।
कुबेरेश्वर धाम की तरफ से श्रद्धालुों के खाने-पीने और ठहरने के जितने भी इंतजाम किए गए थे, वो सभी नाकाफी थे। दो दिनों के अंदर यहां कम से कम 70 श्रद्धालु बीमार हो गए। सभी बीमार श्रद्धालुओं को जिले एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोगों की भारी भीड़ और बदइंतजामी का ही असर है कि अब रुद्राक्ष बांटने का कार्यक्रम रोक दिया गया है।
आयोजकों की ओर से सही आंकड़ा नहीं दिया गया
सरकारी अफसर अब भी यही दावे कर रहे हैं कि इंतजामों में तो कोई कमी नहीं थी। अफसरों का कहना है कि कुबेरेश्वर धाम में चल रहा रुद्राक्ष महोत्सव के लिए असल में पुराण कथा के नाम पर सरकारी मंजूरी ली गई। आयोजकों ने करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अंदाजा लगाया था। वही प्रशासन की तरफ से 10 लाख लोगों के लिए इंतजाम किए गए थे। लेकिन पहले ही दिन यहां 20 लाख लोग पहुंच गए। इसीलिए सबकुछ कंट्रोल करना मुश्किल हो गया।
भोपाल से सीहोर तक सड़क की दोनों तरफ तकरीबन 15 किलोमीटर तक गाड़ियां ही गाड़ियां दिखाई दे रही हैं। हजारों लोग पैदल चल रहे हैं। सभी को उम्मीद चमत्कारी रुद्राक्ष की है। भक्तों की भीड़ देखकर रुद्राक्ष वाले बाबा प्रदीप मिश्रा भी गदगद हैं। लेकिन सवाल उन परिवारों के दर्द का है,जिन्हें अपनों को गंवाना पड़ा।