इन्फोसिस को 32,000 करोड़ के नोटिस पर भड़के मोहनदास पई, बता दिया ‘टैक्स टेररिज्म’
नई दिल्ली। इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने 32,000 करोड़ रुपये के GST नोटिस को टैक्स टेररिज्म बताया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि इससे भारत में निवेश प्रभावित होता है। बेंगलुरु जीएसटी दफ्तर ने सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस को 32,000 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस भेजा है। पई ने इस नोटिस को चौंकाने वाला बताया है। साथ ही कहा है कि इन्फोसिस देश की सबसे अच्छी कंपनियों में से एक है। ऐसे में यह नोटिस चौंकाता है।
इन्फोसिस के साथ कई दिग्गजों के नाम जुड़े हैं। एनआर नारायण मूर्ति कंपनी के सबसे प्रमुख संस्थापक हैं। उन्हें अक्सर ‘भारतीय आईटी उद्योग का पिता’ कहा जाता है। नंदन नीलेकणि,अशोक अरोड़ा, क्रिस गोपालाकृष्णन और एस.डी शिबुलाल जैसे बड़े नामों का भी इसके साथ कनेक्शन है या रहा है। नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को कुछ महीने पहले ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। वह संसद सदस्य हैं। उन्हें 2006 में भारत सरकार की ओर से सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
इन्फोसिस से 32,000 करोड़ की डिमांड
DGGI ने इन्फोसिस पर 32,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के GST चोरी का आरोप लगाया है। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया है कि उसने सभी टैक्स चुका दिए हैं। DGGI की ओर से बताए गए खर्चों पर GST लागू नहीं होता है। कंपनी ने कहा, ‘इन्फोसिस ने अपने सभी GST का भुगतान किया है। इस मामले में वह केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से पालन करती है।’
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ और आरीन कैपिटल के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई ने इसे ‘टैक्स टेररिज्म’ कहा है। वह बोले, इन्फोसिस भारत की सबसे अच्छी कंपनियों में से एक है। इसलिए यह नोटिस चौंकाने वाला है। मोहनदास पई ने मनीकंट्रोल से कहा, ‘वित्त मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। इस तरह के टैक्स टेररिज्म से भारत में निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ता है।’
पई ने कहा कि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियां 30 साल से ज्यादा समय से एक्सपोर्ट कर रही हैं। इन कंपनियों का 95 फीसदी रेवेन्यू एक्सपोर्ट से आता है। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट पर GST और VAT नहीं लगता है। अगर यह नोटिस सच है तो यह टैक्स टेररिज्म का एक बड़ा उदाहरण है। यह बहुत ही गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी विभाग के कुछ लोग कानून का गलत मतलब निकालकर एक्सपोर्टर्स को परेशान कर रहे हैं।
वह बोले, GST विभाग को टैक्सपेयर्स को परेशान नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने बिजनेस को आसान बनाने का वादा किया था। कुछ अधिकारी बिना सोचे समझे इस तरह के नोटिस भेजकर बिजनेस को बाधित कर रहे हैं। पई ने Nasscom से अपील की है कि वह इस मामले में दखल दे और भारत में बिजनेस को और खराब होने से बचाए। हर बड़ी MNC,हर बड़ा GCC और भारतीय IT कंपनियां इस तरह के बर्ताव से परेशान होंगी। इस तरह के टैक्स टेररिज्म से भारत में निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ता है।