मजदूरों को सुंरग से निकालने का NDRF ने किया डेमो
नई दिल्ली। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल से इस वक्त का सबसे बड़ा अपडेट ये है कि अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में कुछ वक्त और लग सकता है क्योंकि रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम को बीती रात भी ड्रिलिंग के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है। जिसके चलते ऑपरेशन कल रात में ड्रिलिंग नहीं हो सकी। जो खबर आ रही है उसके मुताबिक ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकन ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आई थी,जिसे अब पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया गया है।
मजदूरों से बातचीत
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों का 13 दिन बाद भी अब तक रेस्क्यू नहीं हो सका है। उन्हें बाहर निकालने के लिए सभी एजेंसियां जोर-शोर से लगी हुई हैं। इसी बीच अंदर फंसे मजदूरों का मोरल ऊंचा करने के लिए पीएम मोदी उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर सकते हैं। इसके लिए चिन्यालीसौड़ अस्पताल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के इंतजाम किए जा रहे हैं।
- मजदूरों को सुंरग से निकालने से पहले NDRF ने डेमो किया है। कैसे मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा,इसका अभ्यास एनडीआरएफ ने किया है। इसका वीडियो भी रिलीज किया गया है। सीएम धामी का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकलेंगे।
- पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अगले 5 मीटर तक कोई मैटेलिक मैटेरियल नहीं है। सुबह 11 बजे से ड्रिलिंग का काम फिर शुरू होने जा रहा है। तकरीबन 60 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। आज शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन में ब्रेक थ्रू मिल सकता है।
- ऑगर मशीन के प्लेटफार्म को स्टैब्लाइज कर लिया गया है। जल्द ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। DRDO के रोबोटिक इक्विपमेंट के जरिए बचे हुए मलबे की डेंसिटी की स्टडी की जाएगी।
- उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव है। उम्मीद की जा रही है आज सभी मजदूर सही सलामत बाहर आ जाएंगे।
- टनल के बाहर डॉक्टरों का पैनल तैयार है। 41 मजदूरों के बाहर निकलने के फौरन बाद वे इमरजेंसी अस्पताल में एडमिट किए जाएंगे। एयरलिफ्ट करने की भी पूरी तैयारी है। मजदूरों को निकालते वक्त पाइप यदि टूटा तो पहियेदार स्ट्रेचर से बाहर NDRF निकालेगी। बैकअपल प्लान भी तैयार है।
- इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की नजर है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 13वां दिन है। और टनल में अभी तक 46.8 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि कल सुबह या दोपहर तक टनल से रेस्क्यू को लेकर कोई बड़ी खबर आ सकती है।
- टनल में फंसे मजदूरों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद की किरण 900 मिलीमीटर की पाइप हैं। ये वो पाइप है जो मजदूरों को आज एक नई सुबह देगी। इसी पाइप के जरिए मजदूर 13वें दिन सूरज की पहली किरण देखेंगे और इसमें सबसे बड़ी भूमिका अमेरिका की ऑगर मशीन निभा रही है।
- इसी ऑगर मशीन ने चट्टानों का सीना चीरते हुए मजदूरों के लिए नई जीवन रेखा खींची। सरकार के अथक प्रयास और मजदूरों के बुलंद हौसले ने ये बता दिया कि आपदा और चट्टान कोई बाधा नहीं बन सकती है।
- उत्तरकाशी के टनल में पिछले 13 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन ड्रिलिंग मशीन में बार-बार आ रही खराबी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को कई बार रोकना पड़ा।
- टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ड्रोन्स की भी मदद ली जा रही है। ड्रोन एक्सपर्ट की एक टीम मौके पर पहुंच गई है। इस टीम में माइनिंग इंजीनियर,ड्रोन पायलट और जियोटेक्निकल एक्सपर्ट भी हैं। कंपनी के अफसर आसिफ मुल्ला ने जानकारी दी है कि उनकी टीम ने सुरंग के अंदर रडार सेंसर, जियोफिजिकल सेंसर लगे ड्रोन की मदद से मलबे के भीतर की अड़चनों की जानकारी रेस्क्यू टीम को दी है। ये ऐसे ड्रोन हैं जो कहीं भी मलबे के भीतर की पूरी स्कैनिंग कर सकते हैं।