अब 15 हजार से कम आय वाले स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी एक्सप्रेस ट्रेनें,रेलवे बोर्ड ने बदला नियम
गोरखपुर। जिन स्टेशनों पर टिकट से रोजाना की कमाई 15 हजार रुपये होगी, एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज अब वहीं पर होगा। अभी तक आय की सीमा पांच हजार रुपये थी। हालांकि, पहले से जिन ट्रेनों का स्टॉपेज तय है,वहां यह नियम लागू नहीं होगा।
दरअसल, एक स्टेशन पर ट्रेन को रोकने पर करीब 25 हजार रुपये खर्च होते हैं, जिसमें बिजली, डीजल, कर्मचारियों का वेतन, साफ-सफाई, यात्री सुविधा आदि का खर्च शामिल है। कई जनप्रतिनिधि कम आय वाले स्टेशनों पर भी ट्रेनों का स्टॉपेज शुरू करने का दबाव बनाते हैं। रेल मंत्रालय इसे संज्ञान में लेकर स्टॉपेज भी तय कर देता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
जहां रोजाना 15 हजार से कम आय होगी, वहां स्टॉपेज की सिफारिशों को रेलवे बोर्ड संज्ञान में नहीं लेगा। हालांकि, आदेश जारी होने तक जिन स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव है, वे यथावत रहेंगे। रेलवे बोर्ड के उप निदेशक कोचिंग विवेक कुमार सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
स्टॉपेज बढ़े तो इंटरसिटी की घट गई औसत रफ्तार
स्टॉपेज बढ़ने से ट्रेनों की रफ्तार भी घट जा रही है। उदाहरण के तौर पर गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी की औसत रफ्तार करीब 53 किमी प्रति घंटे है, जबकि मानक के अनुसार 55 किमी प्रति घंटे या इससे अधिक होनी चाहिए। वर्ष 2018-19 के पूर्व इस ट्रेन की औसत रफ्तार 55 किमी प्रति घंटे से अधिक थी, लेकिन सहजनवां, मगहर, जरवल रोड स्टेशन पर ट्रेन का स्टॉपेज शुरू किया गया। दो मिनट का स्टॉपेज और ट्रेन रुकने व गति पकड़ने में पांच से सात मिनट का समय लगता है। इस हिसाब 25 से 30 मिनट ट्रेन का समय बढ़ गया।