बच्चा चोरी के शक में साधुओं की जमकर पिटाई:भीड़ ने डंडों से इतना मारा कि सिर फटा
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने साधुओं की जमकर पिटाई कर दी। लोगों ने लात-घूंसों और डंडों से साधुओं को इतना मारा कि एक साधु का सिर फट गया है। वहीं 2 और साधु भी बुरी तरह से घायल हुए हैं। मामला भिलाई-03 थाना क्षेत्र का है। इधर, पुलिस का कहना है कि शराब के नशे में बेवजह ही इनसे मारपीट की गई है। पिटने वाले तीनों साधु राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं।
भिलाई तीन थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह 11-12 बजे के बीच की घटना है। लेकिन हैरानी की बात है कि ये मामला सामने नहीं आ सका था। पुलिस ने भी केस दर्ज नहीं किया था। गुरुवार को जब इस पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, तब पूरे घटनाक्रम की जानकारी सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक चरोदा क्षेत्र में कहीं से तीन साधु आ रहे थे। उसी दौरान किसी ने हल्ला करना शुरू कर दिया कि ये साधु बच्चा चोरी करते हैं। इसके बाद कुछ युवकों ने उन साधुओं को पीटना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ वहां जुट गई। कई लोग एक साथ दौड़ते हुए मौके पर पहुंच गए और साधुओं को जमकर पीट दिया।
इसी दौरान किसी ने घटना की सूचना पुलिस को दे दी। कुछ ही देर बाद पुलिस का एक जवान मौके पर पहुंचा और उसने किसी तरह से तीनों साधुओं को एक टैक्सी में बिठा दिया। दूसरे पुलिस कर्मियों को मौके पर बुलाया गया। तब तक भीड़ उस टैक्सी तक भी पहुंच गई और वहां भी साधुओं को मारा गया।
इस मामले में एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने मामले की पूरी जानकारी ली है। उन्होंने टीआई मनीष शर्मा को फटकार लगाते हुए मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट और बलवा का केस दर्ज किया है। पुलिस इस केस में 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही है।
बताया गया है कि जिन साधुओं की पिटाई की गई है वह राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ के रामवास मोहल्ले के रहने वाले हैं। इनका नाम राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह है। तीन रेलवे क्षेत्र चरोदा में काफी समय से किराए का मकान लेकर रह रहे थे। यहां वे राशन और कपड़े मांग कर अपना जीवन गुजारा कर रहे थे। टीआई का कहना है कि उन्हें इन साधुओं की कोई संदिग्ध गतिविधि अब तक नहीं मिली है। पब्लिक ने बच्चा चोरी का आरोप लगाकर इन्हें क्यों मारा, इसकी जांच की जा रही है।
शराब के नशे में की गई मारपीट
इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि बेवजह ही साधुओं पर शराब के नशे में हमला किया गया है। कुछ लोग चरोदा में दशहरे के मौके पर पार्टी कर रहे थे। इस बीच उन्होंने साधुओं को देखा, वहीं पर किसी ने ये हल्ला कर दिया कि ये लोग बच्चा चोरी करते हैं। इसके बाद शराब के नशे में इन्हीं लोगों ने पहले पहले साधुओं को पीटना शुरू किया। फिर धीरे धीरे भीड़ जुट गई और साधुओं को बच्चा चोर कहते हुए बुरी तरह मारा गया। तीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी
इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि घटना के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन घटना के क्या कारण रहे हैं वह पता किया जा रहा है। फिलहाल पूरा मामला जांच में है और कारणों का पता चलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। साव ने कहा कि प्रदेश में अगर कोई अफवाह फैला रहा है तो सरकार समय रहते उस पर लगाम क्यों नहीं लगा पाई। मंदिरों के पुजारी, मंदिरों के बाहर बैठने वाले भिक्षुक, साधु संत, पूजा पाठ करने वाले लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार उदासीन क्यों है। प्रदेश में हर दिन बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन, सरकार इस पर मौन रहती है। ऐसे में जनता की सुरक्षा करने का जिम्मा आखिर कौन संभाल रहा है।
मथुरा के थाना जमुना पार क्षेत्र के लक्ष्मी नगर इलाके में लोगों ने एक साधु को उस समय पकड़ लिया जब वह दस साल के बच्चे के साथ घूम रहा था। लोगों ने साधु को बच्चा चोरी के शक में पकड़ा और पुलिस को सूचना दे दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस साधु को थाने ले आई जहां साधु के साथ मिला बच्चा उसका भतीजा निकला।