राफेल से मुकाबले के लिए पाकिस्तान ने चीन के j-10C को वायु सेना में शामिल किया
नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना में राफेल से निपटने के लिए पाकिस्तान ने चीन के J-10C की एक नई खेप अपनी वायु सेना में शामिल किया है। पाकिस्तान को राफेल का खौफ इस कदर था कि तत्कालीन इमरान सरकार ने कई सांसदों के विरोध के बावजूद चीन के साथ इस रक्षा सौदे को फाइनल किया था। आइए जानते हैं कि राफेल और चीन के जे-10 सी विमान में क्या अंतर है। क्या पाकिस्तान चीनी जे-10सी से भारतीय राफेल को टक्कर दे पाएगा। दोनों विमानों में कौन ज्यादा ताकतवर है।
1- भारतीय वायु सेना में शामिल फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल को टक्कर देने वाले चीनी J-10C फाइटर जेट की दूसरी खेप भी पाकिस्तान को मिल गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब पाकिस्तान वायु सेना के पास इन फाइटर विमानों की संख्या एक दर्जन हो गई है। पाकिस्तानी वायु सेना को भारतीय राफेल की तैनाती के बाद इसकी जरूरत महसूस हो रही थी। पाक ने अपनी सेना मजबूत करने के लिए चीन से इन फाइटर को खरीदा है।
2- पाकिस्तानी वायु सेना के पास यह सबसे मजबूत हथियारों में से एक है। पाकिस्तान को चीन से पहली खेप मार्च के महीने में मिली थी, जिसमें छह फाइटर जेट शामिल थे। इसके बाद अब दूसरी खेप में छह और फाइटर जेट मिलने के बाद इनकी संख्या 12 हो गई है। भारतीय वायु सेना में राफेल की दस्तक के बाद वर्ष 2021 में पाकिस्तान और चीन के बीच जे-10सी फाइटर जेट रक्षा सौदे की डील हुई थी। दिसंबर, 2021 में पाकिस्तान सरकार ने ऐलान किया था कि चीन के साथ 25 जे-10सी फाइटर जेट खरीदने को लेकर डील की गई है।
3- राफेल मिलने के बाद भारतीय वायु सेना एडवांस तकनीक से लैस थी, लेकिन अब जे-10सी मिलने से पाकिस्तान का नाम भी इसी लिस्ट में शुमार हो गया है। पाकिस्तानी सेना ने जे-10सी विमानों को अपनी सुरक्षा फ्लीट में शामिल किया। मार्च महीने में पाकिस्तान को चीन से फाइटर जेट की पहली खेप मिली थी। जे-10 सी विमानों की खेप मिलने के बाद तत्कालीन पीएम इमरान खान ने कहा था कि अब किसी भी देश को पाकिस्तान पर हमला करने से पहले दो बार सोचना होगा। इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल किसी भी खतरे को हराने के लिए अच्छी तरह सुसज्जित और प्रशिक्षित हैं।
चीन के साथ पाकिस्तान का यह रक्षा सौदा विवादों में रहा है। चीन का दावा है कि J-10C विमान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक है, लेकिन खुद पाकिस्तान के एक सांसद ने इसकी क्षमता पर गंभीर सवाल उठाए थे। पाकिस्तान के एक सीनेटर और मुस्लिम लीग नवाज गुट के नेता अफनान उल्लाह खान ने J-10C को खरीदने का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि चीनी विमान को खरीदने का तर्क समझ में नहीं आ रहा है। जे-10 पहले से ही पाकिस्तान की वायुसेना में मौजूद है और नया विमान उसका अपग्रेड वर्जन है। हालांकि, भारत के राफेल फाइटर जेट से घबराई पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान खान सरकार ने अपने ही सांसद का विरोध दरकिनार करते हुए चीन से 25 J-10 लड़ाकू विमानों की एक पूरी स्क्वाड्रन खरीद की थी।
1- राफेल को भारत की रक्षा जरूरतों के हिसाब से निर्मित किया गया है। राफेल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। यह 24,500 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है। इसकी स्पीड 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा है। मिटिआर मिसाइलों से लैस राफेल विमान 120 किमी की दूरी से एफ-16 जैसे विमान को मार गिरा सकता है। यह विमान अपने साथ चार मिसाइलों को एक साथ ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट है।
भारत में राफेल बियांड विजुअल रेंज मिसाइल्स से लैस है। यानी बिना टारगेट प्लेन को देखते ही उसे उड़ाया जा सकता है। राफेल में ऐक्टिव रडार सीकर लगा है जिससे किसी भी मौसम में जेट आपरेट करने की सुविधा मिलती है। स्कैल्प मिसाइल या स्ट्राम शैडो जैसी मिसाइलें किसी भी बंकर को आसानी से तबाह कर सकती है।
4- राफेल एक ऐसा लड़ाकू विमान है जिसे कम से कम सात तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसकी फ्यूल क्षमता 17 हजार किग्रा है। राफेल जेट हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है, इसलिए इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है। इसमें स्काल्प मिसाइल है जो हवा से जमीन पर 600 किमी तक वार करने में सक्षम है।
भारत के राफेल और पाकिस्तान के जे-10सी विमान, दोनों ही फाइटर जेट 4.5 जनरेशन के हैं। राफेल को इराक, सीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया और माली में कांबेट आपरेशन में इस्तेमाल में लाया जा चुका है, जबकि जे-10सी को लेकर यह अनुभव नहीं है। राफेल में हाई रेंज मिसाइल की क्षमता है जिसमें विश्व की सबसे खतरनाक कही जाने वाली माइका और आईआईआर इमैजिंग इंफ्रारेज मिसाइल को लोड किया जा सकता है, तो वहीं चीनी जे-10सी की लोअर रेंज मिसाइल क्षमता है। इसे पीएल-8/9 जैसी मिसाइलों को ही लोड किया जा सकता है। राफेल की मारक क्षमता ज्यादा है, जबकि जे-10सी की मारक क्षमता कम है। राफेल की एक और खासियत है कि उससे परमाणु मिसाइल को भी दागा जा सकता है, जबकि जे-10सी में यह फीचर नहीं है।