एम्स अस्पताल के कैंटीन में सब्जी बनाने के लिए जूतों से कुचले जा रहे आलू,खोली पोल
नई दिल्ली। कोरोना काल में साफ सफाई रखने और शुद्ध भोजन खाने की सलाह देने वाला एम्स रायबरेली खुद मरीजों को जूते से कुचले हुए आलू की सब्जी खिला रहा है। यहां की कैंटीन का भगोने में जूतों से कुचलकर आलू धोते हुए वीडियो वायरल हुआ है। इन्हीं आलुओं की बनी सब्जी मरीज, तीमारदार और अस्पताल को परोसी जाती है। वीडियो वायरल होने के बाद एम्स प्रशासन के मीडिया सेल ने जो प्रतिक्रिया दी है, वह खामियों पर कार्रवाई की जगह उस पर पर्दा डालने वाली प्रतीत हो रही है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक शख्स वीडियो बना रहा है, जबकि दूसरा शख्स जूते पहनकर आलू कुचल रहा है।
एम्स में जूतों से कुचले जा रहे आलू
एम्स के मीडिया पीआर प्रभारी डॉक्टर शुक्ला ने वायरल वीडियो को पुराना बताते हुए कहा है कि इसमें दिख रहे कर्मचारी को 15 दिन पहले ही निकाल दिया गया था। इसी कर्मचारी ने एम्स प्रशासन को बदनाम करने के लिए बदला लेने की नीयत से वीडियो बनाया था और वायरल कर दिया। हालांकि उन्होंने मीडिया ग्रुप पर भेजे गए जवाब में यह नहीं बताया कि निकाला गया कर्मचारी कैंटीन जैसी संवेदनशील जगह पर कैसे पहुंच गया।
अस्पताल ने अभी तक नहीं अपनाया कड़ा रवैया
इसके अलावा,वीडियो को देखने से यह खुद प्रतीत होता है कि यहां की कैंटीन में संभवत: आलू धोने का यही तरीका है। वीडियो में न तो किसी को उकसाने जैसी बात नजर आ रही है और न ही किसी के साथ जबरदस्ती होती दिख रही है। ऐसे में समझना मुश्किल नहीं कि बाहर से चमकता दिखने वाला एम्स भीतर से गड़बड़ियों का पोषण कर रहा है। इस मामले में अभी तक अस्पताल प्रशासन ने यह नहीं स्पष्ट किया कि आगे ऐसी कोई घटना न हो,उसके लिए वह क्या कड़ा रवैया अपनाने वाले हैं?