दुष्कर्म के बाद शादी का दबाव…आत्मदाह:युवती ने खुद को लगाई आग
फर्रुखाबाद। जिन 2 लोगों ने मेरा रेप किया, वही जेल से छूट कर मुझे शादी के लिए धमका रहे हैं। वो कहते हैं या तो मुकदमा वापस लो या मुझसे शादी करो। नहीं तो तुम्हारा वो हाल कर देंगे कि तुम किसी से शादी करने के लायक नहीं रहोगी। अब आप ही बताओ मैं ऐसा कैसे कर लेती? जिसने मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया उसको पति कैसे बना लूं? उसके साथ जिंदगी कैसे गुजार देती? इसीलिए मैंने जान देनी की ठानी। फिर मौका देखकर खुद पर डीजल छिड़ककर आग लगा ली।
ये आपबीती है उस लड़की की जो आत्मदाह की कोशिश में 70 प्रतिशत तक जल चुकी है और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है। उसके साथ 8 जनवरी 2021 को गांव के 2 युवकों ने रेप किया था। करीब डेढ़ साल बाद 21 जून को दोनों जमानत पर बाहर आए तो पीड़िता को परेशान करने लगे। उनकी बातों से दुखी होकर पीड़िता ने 4 नवंबर 2022 में खुद को आग लगा ली। ये मामला फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ थाना क्षेत्र का है।
पहले रेप की घटना के बारे में
पीड़िता ने बताया, “8 जनवरी की वो मनहूस तारीख…उस दिन मेरे साथ जो-जो हुआ वो सब मुझे याद है। रात में करीब 8 बजे मैं घर के बाहर खेत पर शौच के लिए गई थी। वापस आते समय मुझे किसी ने पीछे से पकड़ लिया। मेरे ऊपर कपड़ा डालकर दो लोग मुझे कहीं ले जाने लगे। मैंने चिल्लाने की कोशिश की तो मेरा मुंह दबा दिया। करीब 10 मिनट बाद उन लोगों ने मेरा मुंह खोला तो सामने गांव के शिवम और आदेश खड़े हुए थे। वो लोग मुझे गन्ने के खेत में लेकर आए थे। मैंने उनसे चिल्ला कर बोला, तुम लोग हमको लेकर यहां क्यों आए हो? मेरे रास्ते से हटो और मुझको जाने दो। जब मैं उठकर जाने लगी तो शिवम ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे जमीन पर गिरा दिया और आदेश ने मेरे पैर पकड़ लिए। उन लोगों ने कपड़े से मेरे हाथ बांध दिए। फिर बारी-बारी से मेरा रेप किया। करीब 1 घंटे बाद वो दोनों मुझे बेसुध हालत में छोड़कर फरार हो गए। मैं बेहोश हो गई उसके बाद जब मेरी आंख खुली तो मैं अस्पताल में थी।”
पीड़िता के पिता ने बताया, “मेरी बेटी जिस रात गायब हुई थी मैं उस रात खेत पर रुका था। मां सो रही थी इसलिए बेटी ने उसको नहीं उठाया। वो अकेले ही शौच के लिए निकल गई। आधी रात में जब मेरी पत्नी की नींद खुली तो बेटी को पास न देखकर वो उसको घर में ढूंढने लगी। उसको अनहोनी का डर सताने लगा।”
“घर में कहीं नहीं मिलने पर उसने गांव में तलाश की। वहीं गांव का मेरा पड़ोसी मुझे लेने खेत पर आया। उसने मुझे बताया, तुम्हारी बेटी मिल नहीं रही है। मैं ये सुनकर घबरा गया। बेटी की चिंता में मैं तुरंत घर आने लगा। मैं रास्ते भर अपनी बेटी को ढूंढते हुए आया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।”
“यहां गांव में पत्नी बेटी को तलाश कर रही थी। बेटी की तलाश में सुबह हो गई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस को सूचना दी गई। कई टीमें मेरी बेटी को तलाश करने में लगी। फिर घंटो की मशक्कत के बाद मेरी बेटी घर से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में पड़ी मिल गई। उसके ऊपर बस एक कपड़ा पड़ा हुआ था।”
“उसको झाड़ियों से छुपा दिया गया था। पुलिस बेटी को उठाकर अस्पताल ले गई। हम लोग तो उसको ठीक से देख भी नहीं पाए। हम बेटी के पीछे-पीछे अस्पताल पहुंचे। वहां पर उसका उपचार शुरू हो गया। रेप की आशंका में मेडिकल भी करवाया गया। जिसमें रेप की पुष्टि हो गई। हमें तो समझ नहीं आ रहा था आखिर बेटी के साथ हुआ क्या है?”
“दूसरे दिन बेटी को होश आया तो उसने पूरी घटना बताई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़कर जेल में डाल दिया। कुछ दिन इलाज के बाद मेरी बेटी घर आ गई। बेटी घर आई तो घटना को भुलाने के लिए हम लोगों ने उसको नानी के घर भेज दिया। कुछ दिन बाद वो वापस आई तो खुश लग रही थी लेकिन उसकी ये खुशी ज्यादा दिन की नहीं थी।”
पीड़िता बताती है, “घर आने के बाद मैं सब कुछ भूलने की कोशिश कर रही थी। घर में मेरे छोटे भाई-बहन हैं उनके साथ खेलती। बाहर कम निकलती जिससे लोगों से सामना न हो। 1 दिन मां के बहुत कहने पर मैं बाहर सब्जी लेने जा रही थी। तभी रास्ते में मुझे शिवम और आदेश मिल गए। उनके साथ उनका दोस्त अंकित भी था। मैं उनको देखकर डर गई। मुझे लगा ये लोग आखिर बाहर कब आए। उन तीनों ने मुझे पकड़ लिया। फिर छेड़छाड़ करते हुए बोले, मुकदमे में समझौता करो या मुझसे शादी कर लो नहीं तो तेरी ऐसी हालत करूंगा किसी से तेरी शादी नहीं हो पाएगी।”
“मैं रोते हुए अपने घर आई। अपनी मां को सारी बात बताई। मां ने कहा, तुम डरो मत हम पुलिस के पास जाएंगे। पुलिस से बोला भी लेकिन उन लोगों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अब वो तीनों मेरे साथ घर के लोगों को भी धमकाने लगे।”
“मेरे भाई-बहन को मारने की धमकी देते। पापा को बेइज्जत करवाते। इन सब बातों से मैं बहुत परेशान रहती थी। 1 दिन तो उन लोगों के हौसले इतने बढ़ गए कि वो लोग मेरे घर आ गए। जबरन शादी का दबाव बनाने लगे। मेरे शोर मचाने पर वो लोग भाग गए।”
“उसके बाद से आए दिन वो लोग ऐसे ही मुझे परेशान करते। मेरे घरवाले मेरी वजह से बहुत परेशान रहते थे। गांव के लोग भी हमें ही उल्टा सीधा बोलते। मैंने उसी दिन मन में सोच लिया था कि मैं इस समस्या को खत्म करूंगी। मैं खुद ही जान दे दूंगी। 4 नवंबर को मैं पापा-मम्मी का घर से जाने का इंतजार कर रही थी।”
“उन दोनों के जाते ही मैंने अपने छोटे-भाई बहन को बाहर भेज दिया। उसके बाद घर में रखे डीजल को खुद पर छिड़क कर आग लगा ली। आग की जलन इतना ज्यादा थी कि मैं दौड़ते हुए घर से बाहर निकल गई। उसके बाद सड़क पर गिर गई। उसके बाद मुझे नहीं पता मेरे साथ क्या हुआ?”
गांव के लोगों ने बताया, पीड़िता को जलता हुआ देखकर एक युवक इसके पापा को लेने खेत गया। मां को भी बुलाया गया। हम लोगों ने किसी तरह कपड़ा डालकर आग बुझाई। हम लोग पीड़िता को लेकर लोहिया अस्पताल गए। वहां से उसको सैफई भेज दिया गया। सुधार न होने पर उसको फर्रुखाबाद जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन स्थिति बेकाबू होने पर पीड़िता को दिल्ली सदरगंज अस्पताल भेजा गया। जहां अभी भी उसका इलाज चल रहा है। करीब 6 दिन से वो दिल्ली में है।