प्रेसिडेंट हाउस पर जनता का कब्जा,राष्ट्रपति गोटबाया भागे;देश छोड़ने की अटकलें

प्रेसिडेंट हाउस पर जनता का कब्जा,राष्ट्रपति गोटबाया भागे;देश छोड़ने की अटकलें
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कोलंबो। पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने बिगड़ते हालात के मद्देनजर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
प्रदर्शनकारियों का जत्था श्रीलंका-ऑस्ट्रेलिया मैच के स्टेडियम के बाहर पहुंचा।

श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में राजपक्षे के देश छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से ‘Gota Go Gama’ और ‘Gota Go Home’ आंदोलन जारी है।

सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं। इनका मकसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर करना था।

श्रीलंका संकट से जुड़े बड़े अपडेट्स…

  1. श्रीलंका पीपुल फ्रंट के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तुरंत इस्तीफा देने की अपील की है।
  2. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए हवाई फायर किए हैं।
  3. श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद बुलाने का भी अनुरोध किया।
  4. श्रीलंका पुलिस ने देश में बिगड़ते हालात के बीच कई प्रातों में कर्फ्यू लगा दिया।

राष्ट्रपति से मिला श्रीलंका का बार काउंसिल
देश में बढ़ते अराजक माहौल के बीच बार काउंसिल ऑफ श्रीलंका ने राष्ट्रपति गोटबाया से मुलाकात की है। काउंसिल ने राष्ट्रपति से पूछा है कि अब जब उनके सचिवालय और घर पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया है तो क्या ऐसे में वो अपनी ड्यूटी निभा पाएंगे?

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गॉल के बाहर पहुंच प्रदर्शनकारी
प्रर्दशनकारियों का जत्था गॉल में चल रहे ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका मैच के स्टेडियम के बाहर तक पहुंच गया है। पूर्व लंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हैं। वहीं, राजधानी कोलंबो में आंदोलन उग्र हो गया है। पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।

आर्मी कर रही पेट्रोल पंप की निगरानी
श्रीलंका में आम लोगों की रोज पुलिस, आर्मी और एयरफोर्स के साथ झड़पें हो रही हैं, क्योंकि यहीं पेट्रोल पंप की निगरानी कर रहे हैं। समाज में उग्रता अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है, जो दंगों के रूप में उभर जाती है। स्कूल-कॉलेज, अस्पताल बंद पड़े हैं। लिहाजा युवक घर पर अपने परिवार को बेबस जूझते हुए देखने पर मजबूर हैं।

गैस की कमी से लोग घरों में लकड़ी का चूल्हा जलाने को मजबूर
केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। श्रीलंका के मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी अपने भोजन की खपत को कम कर दिया है,क्योंकि वे इतनी महंगी खाद्य सामग्री लेने से कतरा रहे हैं।

मई में जो महंगाई 39.1% थी, वो जून में बढ़कर 54.6% हो गई है। अगर सिर्फ खाद्य महंगाई को देखें तो मई में जो 57.4% थी, वो जून में बढ़कर 80.1% हो गई है।

आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट
श्रीलंका में लोगों को रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं या कई गुना महंगी मिल रही हैं। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वो जरूरी चीजों का भी आयात नहीं कर पा रहा है। सबसे ज्यादा ईंधन की कमी है। पेट्रोल-डीजल के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइनें हैं। विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

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