सिस्टम पर सवाल: जिंदा को बताया मृत,राशन-पेंशन पर रोक,दवा-इलाज के लिए तड़़पते बुजुर्ग ने लगाई जिंदगी की गुहार
सोनभद्र । सिस्टम के खेल ने एक 85 वर्षीय बुजुर्ग के जीवन पर ऐसा कहर बरपाया कि चार वर्ष पूर्व कोटे की दुकान से मिलने वाले राशन पर रोक लग गई। वहीं, पिछले 18 महीने से वृद्धा पेंशन पर भी रोक लगी हुई है। मामला यहीं तक नहीं है, सरकारी फाइल में ग्राम पंचायत सचिव की तरफ से जिंदा व्यक्ति को मृत दिखा दिया गया। वहीं कोटेदार की करतूत से अनाज मिलना बंद हो गया। कल्याकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयास को पलीता लगाने वाली यह खबर म्योरपुर ब्लाक के चिल्काटांड़़ गांव से जुड़़ी है। काफी बुजुर्ग होने के नाते पीड़ित अफसरों-दफ्तरों में भाग दौड़ नहीं कर पा रहे हैं। कभी किसी दूसरे के माध्यम से तो कभी ऑनलाइन फरियाद लगाई जा रही है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।
मृतक दर्शाए जाने से रूक गई बुजुर्ग की पेंशन:
शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चिल्काटांड़ निवासी कांता पंाडेय पुत्र भोला पांडेय ने डीएम से लगाई गुहार में कहा है कि उनकी 18 माह से वृध्दावस्था पेंशन सहायता राशि नहीं मिल रही है। इसे वह अपना दुर्भाग्य कहें या सिस्टम की लापरवाही को जवाबदेह ठहराएं, उन्हें जिंदा होत हुए भी मृत घोषित कर दिया गया था। इसी को आधार बनाते हुए उनकी पेंशन रोक दी गई है। कहा है कि वह पेंशन सहायता के लिए 26 जून 2024 और 26 अगस्त 2024 को जिला समाज कल्याण अधिकारी से फरियाद लगा चुके हैं लेकिन कोई राहत नहीं मिल पाई है।
कोटेदार पर की कार्रवाई लेकिन गायब राशन कार्ड पर साध ली चुप्पीः
शिकायकर्ता का कहना है कि चार वर्ष पूर्व चिल्काटांड़ के तत्कालीन कोटेदार ने एक साजिश के तहत ग्राम पंचायत के 20-25 लोगों का राशनकार्ड गायब कर दिया था। उसमें पीड़ित का भी राशनकार्ड शामिल था। इस मामले को लेकर कोटेदार पर कार्रवाई भी की गई लेकिन संबंधित राशनकार्डधारकों को आगे अनाज कैसे मिलेगा, इसकी कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। दिलचस्प मसला यह है कि इसी तरह पेंशन वाले मामले में पंचायत सचिव द्वारा मृतक दिखाया जाना कारण बताया जा रहा है लेकिन अब तक संबंधित सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई सामने नहीं आई।
जिंदा रहने के लिए अनाज-उपचार की उपलब्ध कराई जाए व्यवस्था:
प्रार्थनापत्र के जरिए पीड़ित बुजुर्ग की तरफ से गुहार लगाते हुए कहा गया है कि सबसे पहले उन्हें बैकल्पिक व्यस्था के तहत राशन दिलाया जाए। क्योंकि उनके सामने भोजन की समस्या है। साथ ही पेंशन दिलाने मंेे शिघ्रता की जाए ताकि वह अपनी बीमारी का इलाज करा पाएं। स्वयं को चलने-फिरने में असमर्थ बताते हुए जहां स्वास्थ्य कार्ड बनवाने की मांग की गई है। वहीं, प्रार्थना पत्र के जरिए यह दावा किया गया है कि वह चलने-फिरने मंे बिल्कुल असमर्थ हैं। पेंशन-अनाज दोनों पर रोक और किसी भी सरकारी योजना का लाभ न मिलने से उनके यहां दो-तीन दिन में चूल्हा जल पा रहा है।
पेंशन की रोक हटाने को भेजा गया है अनुरोध पत्रःसमाज कल्याण अधिकारी:
इसको लेकर की गई ऑनलाइन शिकायत (आईजीआरएस संख्या 40020024011819) को गत 18 जून को निस्तारित करते हुए समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि कांता पांडेय पुत्र भोला को म्योरपुर ब्लाक के संबंधित ग्राम विकास अधिकारी की तरफ से सत्यापन में मृतक दर्शाया गया है। इसके चलते पेंशन निदेशालय समाज कल्याण से रोक दी गई है जिसे स्टाप पेंशन आफ रिवर्सल पर खोलने के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है।
जो भी बन पड़ेगा, पहुंचाएंगे मदद: प्रधान
प्रधान हीरालाल ने फोन पर कहा कि उनसे जो भी बन पड़ेगा, पीड़ित बुजुर्ग की मदद करेंगे। चूंकि पेंशन के प्रकरण का निस्तारण जिले से होना है। उनके स्तर से जो भी लिखापढ़ी होनी थी वह कर चुके हैं। राशन के मामले में भी जानकारी कर, जरूरी कदम उठाएंगे। प्रशासन की तरफ से मामले में संजीदगी दिखाई जाए तो पीड़ित को बड़ी राहत मिल सकती है।