ओल्ड पेंशन स्कीम अपनाने को लेकर आरबीआई बुलेटिन ने किया आगाह,4.5 गुना बढ़ जाएगा राज्यों का पेंशन खर्च
नई दिल्ली। हाल के दिनों में कई राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया गया है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में ये सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्ता में आने पर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का ऐलान किया है। लेकिन आरबीआई बुलेटिन में छपे एक लेख में आगाह करते हुए कहा गया है कि पुराने पेंशन स्कीम को अपनाये जाने पर राज्यों की वित्तीय हालत खराब हो सकती है। ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने के बाद नए पेंशन स्कीम के मुकाबले सरकारों के पेंशन बोझ में 4.5 गुना इजाफा संभव है।
ओपीएस के प्रभावों को लेकर आरबीआई की स्टडी
सितंबर महीने के लिए जारी किए गए आरबीआई बुलेटिन जो कि आरबीआई का विचार नहीं है उसमें लिखे लेख में बताया गया कि ओपीएस के प्रभावों को लेकर स्टडी किया गया है। लेख में कहा गया कि मौजूद सदी के पहले दशक में पेंशन सुधार को अपनाते हुए ज्यादातर राज्यों ने नेशनल पेंशन सिस्टम को अपनाया जिसमें पेंशन पाने के लिए योगदान करना होता है। लेकिन हाल के दिनों में ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने को लेकर मांगे तेज हो गई है तो कुछ राज्यों ने अपने यहां इसे लागू भी कर दिया है।
राज्यों पर बढ़ेगा पेंशन बोझ
बुलेटिन के मुताबिक एनपीएस में राज्यों के योगदान और सभी राज्यों के ओल्ड पेंशन स्कीम अपनाने पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभावों को लेकर स्टडी किया गया है। टडी के निष्कर्ष के मुताबिक ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से अपनाने पर छोटी अवधि में राज्यों के पेंशन खर्च में कमी आएगी लेकिन भविष्य में अनफंडेड पेंशन देनदारियों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। ओल्ड पेंशन स्कीम के चलते बढ़ने वाले पेंशन बोझ 2030 तक राज्यों के एनपीएस में दिए जाने वाले योगदान से ज्यादा हो जाएगा।
2060 तक GDP का 0.9% पेंशन बोझ
आरबीआई स्टडी के मुताबिक ओल्ड पेंशन स्कीम को अपनाने पर पेंशन खर्च एनपीएस के तहत अनुमानित पेंशन खर्च का लगभग 4.5 गुना बढ़ जाएगा। ओल्ड पेंशन स्कीम के चलते खजाने पर पड़ने वाला बोझ बढ़कर 2060 तक जीडीपी का 0.9 फीसदी तक हो जाएगा।
वित्तीय सुधारों को लगेगा झटका
आरबीआई बुलेटिन में आगाह करते हुए कहा गया कि जब दुनिया के ज्यादातर देश पेंशन के लिए डिफाइंड कंट्रीब्यूशन प्लान की ओर बढ़ रही है ऐसे में राज्यों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम की ओर वापस लौटना पिछले वित्तीय सुधारों के लाभों को कमजोर करने वाला कदम साबित होगा। स्टडी में कहा गया कि ओल्ड पेंशन स्कीम की वापसी राज्यों के वित्तीय हालत को अस्थिर कर सकता है।
केंद्र सरकार भी दबाव में
राज्यों के ओल्ड पेंशन स्कीम के अपने यहां लागू करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार भी दबाव में है क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव में ये बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। ऐसे में नेशनल पेंशन स्कीम को बेहतर बनाने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एनपीएस कमिटी का गठन किया गया है। जो फिलहाल लगातार अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रही है।