उज्बेकिस्तान में कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत पर घेरे में भारतीय कंपनी,स्वास्थ्य मंत्री का रिएक्शन
नई दिल्ली। भारत की मेडन फार्मा कंपनी के कफ सिरप पर गांबिया द्वारा आरोप लगाने के बाद अब उज्बेकिस्तान की सरकार ने भारत की एक फार्मा कंपनी पर बड़ा आरोप लगाया है। मंगलवार को उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट जारी करके कहा कि नोएडा की फार्मा कंपनी का कफ सिरप पीने की वजह से उनके देश में 18 बच्चों की जान चली गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों के मौत के मामले में भारतीय कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
हालांकि, ये कंपनी उज्बेकिस्तान में 2012 से रजिस्टर है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि नोएडा की फार्मा कंपनी से आए कफ सिरप Doc-1 Max Syrup को पीने के बाद 18 बच्चों की जान चली गई। दो महीने पहले गांबिया ने भी आरोप लगाया था कि हरियाणा की फार्मा कंपनी मेडन फार्मा के कफ सिरप की वजह से उनके देश में 66 बच्चों की जान चली गई।
जांच के लिए भेजे गए नमूने
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने मैरियन बायोटेक के नोएडा फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। निर्माण परिसर से कफ सिरप के नमूने लेकर टेस्टिंग के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए हैं।
उजबेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 21 में से 18 बच्चों की जान Doc-1 Max Syrup पीने की वजह से हुई है। हालांकि, सभी बच्चों को ये दवा बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के दी गई थी। इस दवा में पैरासिटामोल भी होता है लेकिन कई बच्चों के माता-पिता ने इसे खांसी जुकाम के लिए बच्चों को दिया क्योंकि उन्हें केमिस्ट से ऐसी सलाह मिली।
मंत्रालय के मुताबिक…
- 21 में से 18 बच्चों की मौत डॉक्टर-1 मैक्स सिरप लेने के कारण हुई है।
- यह पाया गया कि मृत बच्चों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले घर पर 2-7 दिनों के लिए दिन में 3-4 बार, 2.5-5ml, जो बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है, इस दवा को लिया।
- उज्बेक सरकार के मुताबिक शुरुआती लैब रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल मिला है। ये वही तत्व है जो गांबिया में इस्तेमाल किए गए कफ सिरप में भी था।
गांबिया में बच्चों की मौतों की जांच के लिए बने पैनल ने हाल ही में वहां की सरकार को बताया था कि कफ सिरप सही नहीं था और भारत की फार्मा कंपनी इसके लिए दोषी है। हालांकि, भारत के ड्रग कंट्रोलर के जरिए भारत ने WHO में अपना पक्ष साफ किया था और कहा था कि बच्चों की मौत की वजह E-Coli बैक्टीरिया था ना कि कफ सिरप।