भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्र की सजा पर लगी रोक,अदालत से मिली राहत
भदोही | जिला मजिस्ट्रेट की अदालत से असलहा निरस्तीकरण के बावजूद मालखाने में जमा न करने के मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्र को जनपद न्यायाधीश बिजेंद्र कुमार शैलत की अदालत से राहत मिल गई है। मामले में सुनवाई करते हुए एमपी-एमएल कोर्ट के आदेश पर अपील की सुनवाई तक क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। साथ ही 20 हजार के व्यक्तिगत बंध पर इस मामले में रिहा करने का आदेश दिया है। बहरहाल सामूहिक दुष्कर्म सहित अन्य कई मामले दर्ज होने के कारण वह जेल में ही रहेंगे।
गोपीगंज कोतवाली में तत्कालीन थानाध्यक्ष कपिलदेव त्रिपाठी ने 2011 में इस आशय से मुकदमा दर्ज कराया था कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट की अदालत ने 28 जुलाई 2010 को विजय कुमार मिश्र की रायफल और रिवाल्वर के लाइसेंस को निरस्त कर दिया था। साथ ही असलहा को थाने में जमा करने के लिए आदेश दिया था।
आदेश के बाद भी असलहा जमा करने के बजाए वह फरार हो गए। 17 अक्टूबर को साधना गिरी की अदालत ने दो वर्ष छह माह की सजा सुनाई थी। इस आदेश को पूर्व विधायक की ओर से जनपद न्यायाधीश की अदालत में अपील दाखिल की गई थी। अदालत ने निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
आदेश के बाद भी असलहा जमा करने के बजाए वह फरार हो गए। 17 अक्टूबर को साधना गिरी की अदालत ने दो वर्ष छह माह की सजा सुनाई थी। इस आदेश को पूर्व विधायक की ओर से जनपद न्यायाधीश की अदालत में अपील दाखिल की गई थी। अदालत ने निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।