राम मंदिर आंदोलन में मृत कार सेवकों की तृप्ति के लिए होगा रुद्राभिषेक,काशी में देशभर से जुटेंगे साधु-संत
वाराणसी। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम जोर शोर से चल रहा है। जनवरी 2024 में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के माहौल को बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच अखिल भारतीय संत समिति ने भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में बड़े कार्यक्रम करने का ऐलान किया है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में अयोध्या आंदोलन के दौरान मारे गए कार सेवकों की आत्मा की शांति के लिए रुद्राभिषेक होगा। 2 नवंबर को देशभर के सैकड़ों साधु-संत भोलेनाथ की नगरी काशी में वैदिक विधि-विधान से अनुष्ठान और रुद्राभिषेक करेंगे।
कार सेवकों के मोक्ष के लिए रुद्राभिषेक
अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से बताया गया है कि 2 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक और अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। धार्मिक कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य राम मंदिर आंदोलन में मारे गए कार सेवकों की आत्मा की तृप्ति है। निहत्थे कार सेवकों की 30 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कार सेवकों नकी आत्मा की शांति के लिए साधु संत भगवान काशी विश्वनाथ के दरबार में रुद्राभिषेक करेंगे।
साधु-संत करेंगे सनातन धर्म पर चर्चा
अखिल भारतीय संत समिति ने आगे बताया कि राम मंदिर आंदोलन में कार सेवकों के योगदान और संघर्षों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अनुष्ठान और रुद्राभिषेक के माध्यम से नई पीढ़ी को भी संदेश देना है कि राम मंदिर निर्माण में कार सेवकों का कितनी अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि 2 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक होगा। रुद्राभिषेक के बाद तीन दिवसीय संस्कृति संसद का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम 3 नवंबर से शुरू होकर 5 नवंबर तक चलेगा। संस्कृति संसद में देश और विदेश के साधु- संत शिरकत करेंग। तीन दिवसीय संस्कृति संसद में साधु-संत सनातन धर्म और भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।