बोले बाबा रामदेव:5 साल में ₹1 लाख करोड़ पहुंचेगा पतंजलि का टर्नओवर
नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज नई दिल्ली में हुई। बाबा रामदेव ने इस दौरान पतंजलि ग्रुप की 4 कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) का ऐलान किया। बाबा ने अगले 5 सालों में कंपनी का टर्नओवर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने की बात भी कही।
₹1 लाख करोड़ टर्नओवर का टारगेट
कंपनी ‘स्वदेशी भारत’ के टारगेट को पूरा करने में भी अहम योगदान देगी। बाबा रामदेव ने दावा किया कि आने वाले 5 सालों में पंतजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज का टर्नओवर एक लाख करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। फिलहाल कंपनी का टर्नओवर 40 हजार करोड़ रुपए है।
उत्तराखंड में इन्वेस्ट करेंगे ₹1000 करोड़
उत्तराखंड में पब्लिक हेल्थ इम्प्रूव करने के उद्देश्य से पतंजलि योगपीठ वहां एक हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेगी। इसी इन्वेस्टमेंट से राज्य के कल्चर को भी प्रमोट किया जाएगा। नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिरिंग के साथ पतंजलि राज्य की हर्बल मेडिसिन को डिस्कवर कर नए एक्सपेरिमेंट करेगी।
इन 4 कंपनियों का आएगा IPO
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा ने ‘विजन एंड मिशन 2027’ के तहत पंतजलि ग्रुप ऑफ कंपनीज की 5 बड़ी प्राथमिकताओं के बारे में बताया। इन 5 सालों में ग्रुप की 4 कंपनियां- पंतजलि आयुर्वेद, पंतजलि मेडिसिन, पतंजलि वेलनेस और पतंजलि लाइफस्टाइल का IPO आएगा। बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि फूड्स अभी एकमात्र शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है।
हालांकि, इस कंपनी का IPO रामदेव की अगुवाई में नहीं आया था। कुछ माह पहले तक रुचि सोया के नाम से लिस्टेड इस कंपनी को पतंजलि आयुर्वेद ने 2019 में 4,350 करोड़ रुपए में खरीद लिया था। यह कंपनी पहले से ही शेयर बाजार में लिस्टेड थी।
रुचि सोया को पतंजलि फूड्स किया
2019 में रुचि सोया को खरीदने के बाद इसी साल 2022 में बाबा रामदेव ने कंपनी का नाम रुचि सोया से बदलकर पतंजलि फूड्स किया है। पतंजलि ने जबसे कंपनी को खरीदा, तबसे रुचि सोया की किस्मत बदल गई है। दिवालिया होने की वजह से कंपनी शेयर बाजार से डिलिस्ट हो गई थी। फिर से 27 जनवरी को रि-लिस्ट हुई। वर्तमान में कपंनी का मार्केट कैप BSE में 49.20 लाख करोड़ रुपए पार कर गया है।
मोदी सरकार में रामदेव का रेवेन्यू तेजी से बढ़ा
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने फरवरी 2015 में योग से जुड़े चैरिटेबल ट्रस्ट की आय को सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया। इसका क्रेडिट रामदेव को दिया गया। 2017 की राएटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकारों के साथ लैंड डील में पतंजलि को 336 करोड़ रुपए की रियायत दी गई है। पतंजलि ने करीब 2 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। इससे कंपनी के रेवेन्यू में तेजी से इजाफा हुआ। 2013-14 में कंपनी का मुनाफा 1,184 करोड़ था जो 2020-21 में बढ़कर 26 हजार 400 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।