आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने आज एक अंतरिम बजट पेश की
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने मंगलवार को एक अंतरिम बजट पेश कर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेल आउट पैकेज पाने के उपायों का अनावरण किया है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि इसके लिए बातचीत अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है।
बजट में दिखाया गया कि राजस्व कर में कमी और व्यय में तेज वृद्धि के बीच साल 2022 की जीडीपी में देश का घाटा 8.8% से बढ़कर 9.8% हो गया है। संसद में उपायों का अनावरण करते हुए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने और केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए कानून पेश करने का लक्ष्य रखेगी।
मालूम हो कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पिछले महीने राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद विक्रमसिंघे आईएमएफ से सहमत वित्तीय सुदृढ़ीकरण उपायों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं।
समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार, कोलंबो स्थित निवेश फर्म सीएएल ग्रुप के रणनीतिकार उदीशन जोनास ने कहा कि सरकार ने पर्याप्त राजकोषीय सुधार किए हैं, जिसमें अंतरिम बजट में वैट वृद्धि के साथ-साथ आयकर वृद्धि भी शामिल है।
आईएमएफ के साथ बातचीत के लिए वित्त मंत्री विक्रमसिंघे ने बजट भाषण में कहा कि यह जरूरी है कि हम इस अवसर का उपयोग पिछली गलतियों को सुधारने और दीर्घकालिक नीतियों को लागू करने के लिए करें जो अर्थव्यवस्था को स्थिर करें और हमें उन चुनौतियों से बाहर निकालें जिनका हम वर्तमान में सामना कर रहे हैं।
इस बजट को लेकर श्रीलंकाई अधिकारियों को उम्मीद है कि आईएमएफ से उन्हें 2-3 बिलियन डॉलर की मदद मिलेगी। संशोधित बजट में अनुमान है कि 2022 में 2 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये (5.6 बिलियन डॉलर) का परियोजना राजस्व शुरुआती आंकड़े 2.23 ट्रिलियन से कम है। मौजूदा समय में श्रीलंका में एक डॉलर 358 श्रीलंकाई रुपये के बराबर है।
आने वाले समय में कुल 4.4 ट्रिलियन रुपये खर्च होने का अनुमान है, जो पिछली बार के अनुमान 3.9 ट्रिलियन से काफी अधिक है। इस साल सरकार का प्राथमिक घाटा, अनिवार्य रूप से ब्याज भुगतान को छोड़कर उधार की आवश्यकताओं के कारण जीडीपी के 4% तक गिरने की उम्मीद है, हालांकि, 2021 में यह 5.7% तक गिरी थी।
चरमराती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए उपायों को रेखांकित करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि उनका लक्ष्य वार्षिक मुद्रास्फीति को एक अंक के मध्य स्तर तक लाना है, जो अब 66% से अधिक है। अगले पूरे साल के बजट में नए कर पेश किए जाएंगे लेकिन मूल्य वर्धित कर गुरुवार से बढ़कर अब 12% से 15% हो जाएगा।
विक्रमसिंघे ने कहा कि मध्यम अवधि में, श्रीलंका का लक्ष्य 5% की आर्थिक वृद्धि के साथ अपने ऋण के अनुपात को जीडीपी में 100% से कम करना होगा, जो अब 120% है। वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस साल अर्थव्यवस्था के 8% सिकुड़ने की संभावना है और 2023 की दूसरी छमाही तक विकास की संभावना नहीं है।