अयोध्या नगरी में अजब-गजब चोरी,2 महीने तक किसी को नहीं लगी हवा!
अयोध्या। लोकसभा चुनाव के बाद अयोध्या नगरी किसी न किसी वजह से चर्चा में है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के यहां से चौंकाने वाली हार हुई। खुद बीजेपी को अंदाजा नहीं था कि वो इस प्रतिष्ठित सीट से हार जाएगी। लिहाजा उसके बाद अब जब 10 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं तो उसके बाद अयोध्या की मिल्कीपुर सीट चर्चा में है। मिल्कीपुर के सपा विधायक अयोध्या सीट जीतकर सांसद बन गए हैं इसलिए यहां उपचुनाव होगा। बीजेपी इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है इसलिए ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद मिल्कीपुर सीट की चुनावी कमान संभाल रखी है।
कहने का मतलब है कि इस साल की शुरुआत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से ही अयोध्या लगातार चर्चा में है। हालांकि अभी तक तो अयोध्या नगरी धार्मिक और सियासी वजहों से चर्चा में रही लेकिन अब नए अनोखे कांड ने ध्यान आकर्षित किया है। अयोध्या में 50 लाख की चोरी का मामला सामने आया है लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि मुकदमा चोरी के दो महीने बाद दर्ज कराया गया।
क्या है मामला?
अयोध्या में रामलला के मंदिर की ओर जाने वाले राम पथ और भक्ति पथ पर लगाई गई 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरों ने चुरा लीं। चोरी की ये घटनाएं अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर हुईं और पुलिस बल सहित किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी।
अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा रामपथ के पेड़ों पर 6,400 ‘बैम्बू लाइट’ और भक्तिपथ पर 96 ‘गोबो प्रोजेक्टर’ लाइट लगाई गई थीं। फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा के अनुसार रामपथ और भक्तिपथ पर लगाई गई 3,800 ‘बैम्बू लाइट’ और 36 ‘गोबो प्रोजेक्टर लाइट’ चोरी हो गई हैं। उनके द्वारा राम जन्मभूमि थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार ‘‘रामपथ पर 6,400 बैम्बू लाइट तथा भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई गई थीं। गत 19 मार्च तक सभी लाइट लग चुकी थीं, लेकिन नौ मई को निरीक्षण के बाद पता चला कि कुछ लाइटें गायब हैं। जांच में मालूम हुआ कि करीब 3,800 बैम्बू लाइट तथा 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरों द्वारा चुरा ली गई हैं।’’
दर्ज शिकायत के अनुसार यह स्वीकार किया गया कि फर्म को इस चोरी की जानकारी मई में हुई लेकिन मुकदमा चोरी के दो महीने बाद नौ अगस्त को दर्ज कराया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।