राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सपा का जोरदार विरोध प्रदर्शन
लखनऊ | विधानमंडल का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। यह साल 2023 में विधानमंडल का पहला व 18वीं विधानसभा का चौथा सत्र है। सत्र में सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पारित कराएगी। साल का प्रथम सत्र होने के कारण इसकी शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से हुई। सत्र के दौरान विपक्ष भी विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को सदन में घेरने की तैयारी में हैं।
सत्र से पहले उत्तर प्रदेश CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 11 बजे सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद बजट सत्र की कार्यवाही प्रारंभ हो जाएगी। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के लिए 22 फरवरी को सदन में बजट प्रस्तुत होगा। बजट पर दोनों सदनों में चर्चा होने के बाद इसे पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सत्र की कार्यवाही 20 फरवरी से लेकर 10 मार्च तक निर्धारित की गई है। अगर कोई तीथि महत्वपूर्ण लगती है तो हम शनिवार को भी चर्चा करने के बारे में सोचेंगे। हम इसे एक अच्छी बहस का मंच बनाए।
कार्यवाही से पहले सपा का प्रदर्शऩ
सत्र आरंभ से पहले सपा विधायकों का प्रदर्शन,विभिन्न मुद्दों को लेकर सपा नेता विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन किया। आज सपा के प्रदर्शन के दौरान विधानसभा के मार्शलों द्वारा मीडिया कर्मियों से अभद्रता की बात भी सामने आई है।
इधर अखिलेश यादव ने सत्र शुरू होने पहले योगी सरकार पर हमला करते हुए यह संकेत दे दिए कि सत्र के दौरान सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में आए हैं। उन्होंने कहा कि ये सरकार वो झूठी सरकार है जिसने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए मंडी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए देंगे,आप बताइए उत्तर प्रदेश में इन्होंने एक भी मंडी बनाई? उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों ने मिलकर हमारे गांव, गरीबों को लूटा है और बेरोजगारी चरम सीमा पर है। कानून व्यवस्था भी ध्वस्त है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट है, जिसका आकार लगभग सात लाख करोड़ रुपये का है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत बजट के जरिये युवाओं, महिलाओं, किसानों और कामगारों को साधने की कोशिश होगी। विधानमंडल के पिछले सत्र के बाद लाए गए उप्र शीरा नियंत्रण (संशोधन) अध्यादेश, 2023 के प्रतिस्थानी विधेयक को सरकार बजट सत्र में पारित कराएगी। कुछ और नए विधेयक भी पारित कराए जा सकते हैं।
बैठक 25 फरवरी और चार मार्च को शनिवार होने के बावजूद होगी। सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेगा। रामचरितमानस को लेकर विवाद के बाद अखिलेश यादव कह चुके हैं कि वह सदन में मुख्यमंत्री से पूछेंगे कि कौन शूद्र है। जातीय जनगणना के मुद्दे को हवा दे रहे विपक्षी दल इस मोर्चे पर भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
कानपुर देहात में झोपड़ी हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत की घटना ने भी विपक्ष को मुद्दा थमा दिया है। गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने पर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर होगा। कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, निराश्रित पशुओं और किसानों की समस्याओं को लेकर भी विपक्षी दल सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेंगे।