ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे:मिला शिवलिंग,कोर्ट ने स्थान को किया सील,देखिए आदेश में क्या कहा
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा हो गया है। तीसरे और अंतिम दिन करीब सवा दो घंटे तक सर्वे चला। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के वकील ने दावा किया कि जितना सोचा था उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां तालाब के अंदर एक विशाल शिवलिंग मिला है शिवलिंग का आकार 12 फुट चौड़ा 4 फुट ऊंचा है वही असली विश्वनाथ हैं। इस मामले में न्यायालय ने आदेश देते हुए तत्काल प्रभाव से जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है उसे सील करा दिया है तथा किसी का भी प्रवेश वहां वर्जित करते हुए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का आदेश दिया है।हिंदू पक्ष के सोहनलाल ने कहा-‘बाबा मिल गए।’
कहां मिल गए? पूछे जाने पर सोहनलाल ने कहा कि ये मत पूछिए। उन्होंने संतकबीर का दोहा-‘जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।’ सुना दिया। उन्होंने बताया कि तालाब में काले रंग का पत्थर मिला है। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही ध्यान दें। अन्य किसी भी बयान पर भरोसा न करें।
हिंदू पक्ष ने कहा है कि इसके संरक्षण के किए वे कोर्ट जाएंगे। इसके पहले सर्वे की टीम जब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जा रही थी तब टीम के एक सदस्य को रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि सूचनाएं लीक करने के आरोप में तीसरे दिन उन्हें सर्वे में शामिल नहीं होने दिया गया।
तालाब का पानी निकलवाकर किया गया सर्वे
तीसरे दिन तालाब से पानी निकलवाकर उसका सर्वे किया गया। बताया जा रहा है कि तालाब में वाटर रेसिस्टेंट कैमरा डालकर वीडियोग्राफी कराई गई।
प्रशासन ने सभी पक्षों को दिया धन्यवाद
तीन दिन का सर्वे पूरा होने पर वाराणसी जिला और पुलिस प्रशासन ने सभी पक्षों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर तीन दिन का यह सर्वे कराया गया। इसमें सभी पक्षों ने सहयोग दिया। प्रशासन ने लोगों से इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही भरोसा करने की अपील की है।
कल पेश की जाएगी रिपोर्ट
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने 12 मई को अपना फैसला सुनाया था। इस दिन कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया थाा। कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल कुमार सिंह को कोर्ट कमिश्नर और अजय सिंह को असिस्टेंट कमिश्नर बनाया था। कोर्ट ने सर्वे की कार्रवाई पूरी करके 17 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
मुस्लिम पक्ष ने नकारा हिंदू पक्ष का दावा
उधर, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष का दावा नकार दिया है। उनका कहना है कि सर्वे में ऐसा कुछ नहीं मिला है। इससे पहले आखिरी दिन का सर्वे पूरा होने पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि-‘बाबा मिल गए। वही बाबा जिनकी नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे।’ सोहनलाल ने जैसे ही ये बात मीडिया के सामने कही वहां ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगने लगे। उन्होंने कहा था कि जितना हमने सोचा था उससे ज्यादा साक्ष्य सर्वे के दौरान मिले हैं।
प्रशासन ने कहा-सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही दें ध्यान
सर्वे के बाद प्रशासन ने साफ तौर पर कहा कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे कराया गया है। इसमें सभी पक्षों ने पूरा सहयोग दिया। उन्होंने लोगों से इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही ध्यान देने की अपील की।
कोर्ट का आदेश:
जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी को आदर्शित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किये गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी, पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट, वाराणसी तथा सी०आर०पी०एफ० कमाण्डेन्ट, वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णतः व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त सील किये गये स्थान के बाबत स्थानीय
प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है, इसके पर्यवेक्षण (सुपरविजन) की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश, लखनऊ तथा मुख्य सचिव उ०प्र० शासन, लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है कि वह अविलम्ब इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारीगण को नियमानुसार प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। पत्रावली पूर्व से नियत तिथि दिनाँक 17.05.2022 को वास्ते कमीशन रिपोर्ट पर सुनवाई हेतु पेश हो।
61016/5/22
(रवि कुमार दिवाकर)
सिविल जज (सी०डि०),
वाराणसी।