रेप के आरोपी शिवमूर्ति के शिष्य की संदिग्ध मौत
बेंगलुरू। कर्नाटक के बेलगाम मठ में बसव सिद्धलिंग स्वामी का शव मिला है। शिष्यों ने सोमवार को जब मठ का कमरा खोला तो सिद्धलिंग का शव फांसी से लटका था। यहां एक सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि इस सुसाइड नोट में क्या लिखा है,यह साफ नहीं हो पाया है।
बसव सिद्धलिंग स्वामी लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू के शिष्य थे। शिवमूर्ति पर यौन शोषण के आरोप हैं। नाबालिगों के आरोपों के बाद शिवमूर्ति को गिरफ्तार किया गया था। वो जेल में हैं।
बताया जा रहा है कि लिंगायत मठ में यौन शोषण से जुड़े एक ऑडियो में अपना नाम आने से बसव सिद्धलिंग स्वामी परेशान थे। इस ऑडियो में दो महिलाएं कर्नाटक के मठों में कथित यौन शोषण के आरोपों का जिक्र कर रही थीं। बातचीत में महिलाओं ने बसव सिद्धलिंग का भी नाम लिया था।
जमानत याचिका पर सुनवाई
सेक्स कांड के आरोपी शिवमूर्ति की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होगी। पुलिस ने शनिवार को शिवमूर्ति के पुरुषत्व की जांच कराई है। मैसूर के एनजीओ ओडानाडी के डायरेक्टर स्टैनली के.वर्गीस लिंगायत संत के खिलाफ सीबीआई या अदालत की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं।
वर्गीस ने कहा था कि प्रशासन में कुछ लोग शिवमूर्ति को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। मठ की ओर से संचालित स्कूलों के हॉस्टल से पहले भी लड़कियों के लापता होने की खबरें आ चुकी हैं। इनमें से कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म की बात भी सामने आई थी। कई पीड़िताओं को पैसे देकर चुप कराया गया, जबकि कइयों के परिजनों ने बदनामी के डर से उनकी शादी करवा दी। ऐसे में उसके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।
गिरफ्तारी के बाद शिवमूर्ति को अस्पताल ले गए थे
कर्नाटक पुलिस ने लिंगायत संत को गुरुवार रात गिरफ्तार किया था, लेकिन शुक्रवार को उन्हें सीने में दर्द के बाद हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। उधर डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट जज कोमला ने उन्हें अस्पताल से सीधे कोर्ट लाने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें व्हील चेयर पर कोर्ट में पेश किया था। यहां कोर्ट ने लिंगायत संत को 4 दिन यानी 5 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
आरोप लगाने वाली किशोरियों का कहना है कि वे मठ की ओर से संचालित स्कूल में पढ़ती हैं, उनकी उम्र 15 और 16 साल है। संत ने उनका साढ़े तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया। पीड़ित 24 जुलाई को हॉस्टल से निकलीं और 25 जुलाई को कॉटनपेट पुलिस स्टेशन पहुंचीं। इसके बाद 26 अगस्त को उन्होंने मैसूर के नजराबाद पुलिस स्टेशन में लिंगायत संत के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।