आतंकी नेटवर्क के सरगना,कट्टरवादी उपदेशक को उम्रकैद,लागू करना चाहता था शरिया कानून

आतंकी नेटवर्क के सरगना,कट्टरवादी उपदेशक को उम्रकैद,लागू करना चाहता था शरिया कानून
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नई दिल्ली। ब्रिटेन की एक अदालत ने प्रतिबंधित ग्रुप अल मुहाजिर के लीडर अंजेम चौधरी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हो सकता है कि वह कभी भी जीवित जेल से बाहर न आ पाए। चरमपंथी उपदेशक को ग्रुप को निर्देशित करने के लिए सजा सुनाई गई जो ब्रिटेन के आतंकवाद कानूनों के तहत प्रतिबंधित है। इसके अलावा उसे ऑनलाइन मीटिंग्स के जरिए संगठन के लिए समर्थन को बढ़ावा देने का भी दोषी पाया गया।

कोर्ट के फैसले के बाद शायद वह कभी जीवित जेल से बाहर न आ सके। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सजा का मतलब है कि वह 85 साल से अधिक उम्र होने तक लाइसेंस पर जेल से बाहर नहीं निकल सकता।

57 साल का चौधरी फैसले के बाद हैरान था और अपने पैरों पर डगमगाते हुए दिखाई दिया। उसे वूलविच क्राउन कोर्ट ने 28 साल की न्यूनतम सजा सुनाई। पिछले सप्ताह चौधरी को एक आतंकवादी संगठन का निर्देशन करने का दोषी ठहराया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस वॉल ने कहा कि चौधरी का समूह एक कट्टरपंथी संगठन था जिसका उद्देश्य हिंसक तरीकों से शरिया कानून को दुनिया के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों में फैलाना था।

हुआ गिरफ्तार
ब्रिटेन में सबसे कुख्यात कट्टरपंथियों में से एक चौधरी को एक इंटरनेशनल अंडरकवर जांच के बाद पकड़ा गया। जांच से यह साबित हुआ कि लंबे समय से प्रतिबंधित अल-मुहाजिर नेटवर्क, जिसका वह नेतृत्व कर रहा था, 2021 में भी सक्रिय था – और उत्तरी अमेरिका में झूठे नाम से नए अनुयायियों की भर्ती करने की कोशिश कर रहा था।

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अल-मुहाजिर और चौधरी
1990 के दशक के अंत में उभरे अल-मुहाजिर को दर्जनों आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ा गया। इसके अनुयायी देश और विदेश दोनों जगह हिंसा के कृत्यों को अंजाम देते हैं। चौधरी शुरुआती दिनों से ही संगठन के केंद्र में रहा है और 2014 में इसके संस्थापक के लेबनान में जेल जाने के बाद संगठन नेता बना।

57 वर्षीय की कैद 2021 में नेटवर्क को फिर से खड़ा करने की कोशिशों को लेकर हुए है। इससे पहले उसे सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की सपोर्ट लिए अपने अनुयायियों को आमंत्रित करने के लिए साढ़े पांच साल की जेल की सजा हुई थी।

सजा से मुक्त होने के बाद, चौधरी ने उत्तरी अमेरिका में अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन लेक्चर देना शुरू कर दिया। लेकिन उसे यह एहसास नहीं था कि जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाली उनकी ऑनलाइन बातचीत में कनाडाई और अमेरिकी सुरक्षा सेवाओं के अंडरकवर अधिकारियों की घुसपैठ हो चुकी है।

जस्टिस वॉल ने कहा कि लगभग 30 लेक्चर में चौधरी ने ‘इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी – जो अल-मुहाजिर नेटवर्क का कोडनाम है’- के सदस्यों को सड़कों पर टकरावपूर्ण उपदेश देने और हिंसात्मक कार्य करने के लिए उकसाया।

जज ने कहा,‘आप जैसे संगठन वैचारिक कारणों की तलाश में हिंसा को सामान्य बना देते हैं। ये उन लोगों के बीच दरार पैदा करते हैं जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में एक साथ रहते है। आपका व्यवहार बड़ा दोषी है।’


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