इस बेहद खास दिन लगेगा साल का अगला सूर्य ग्रहण,कैसा होगा भारत में असर
नई दिल्ली। अगला सूर्य ग्रहण कब है 2024 में: हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को खासा महत्वपूर्ण माना गया है। इसके लिए विशेष नियम बनाए गए हैं। इसी तरह पितरों यानी पूर्वजों को भी विशेष स्थान दिया गया है। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। इसके लिए 15 दिन का पूरा पखवाड़ा पितृ पक्ष मनाया जाता है। पितृ पक्ष के 15 दिनों में पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान किया जाता है। पितृ पक्ष का आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या होती है। जो लोग 15 दिन में पिंडदान, तर्पण आदि नहीं कर पाए हैं, वे सर्व पितृ अमावस्या के दिन अवश्य यह अनुष्ठान करते हैं। इस साल सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। इससे पितरों के निमित्त अनुष्ठान कैसे होंगे, ये बड़ा सवाल है?
साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल में लग चुका है। अब साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को सर्व पितृ अमावस्या के दिन लगने वाला है। अश्विन मास की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या, पितृ मोक्ष अमावस्या और महालया भी कहा जाता है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है। साल की यह अमावस्या सबसे अहम मानी गई है। इस साल इसी सर्व पितृ अमावस्या को सूर्य ग्रहण लगेगा।
साल 2024 का सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 09:13 मिनट से शुरू होकर मध्य रात्रि 03:17 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे 04 मिनट की होगी। चूंकि सर्व पितृ अमावस्या के सारे अनुष्ठान दोपहर तक पूरे कर लिए जाते हैं और सूर्य ग्रहण रात में हैं, लिहाजा इससे अनुष्ठानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जबकि सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है।
सूर्य ग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में दिखाई देगा। लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।