20 एकड़ में फैली है नर्सरी,फूलों की खेती से शख्स हर महीने कमा रहा एक लाख
नई दिल्ली। आज के समय में खेती-बाड़ी एक अच्छे करियर ऑप्शन के तौर पर उभर रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि युवा पीढ़ी भी कृषि में रुचि ले रही है और नौकरी के बजाए खेती-बाड़ी को तवज्जो दे रही है। आपने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना होगा जो अपने खेती के पैशन को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ कर गांव लौटे खेती-बाड़ी शुरू की और आज वे मोटी इनकम कर रहे हैं। आज कल सिर्फ धान, मक्का, बाजरा की खेती की चलन में नहीं है बल्कि लोग फूल की खेती, पोल्ट्री फार्मिंग और फिश फार्मिंग भी कर रहे हैं। सुब्रता भी ऐसे ही एक फूल उत्पादक हैं, जो पश्चिम बंगाल में पिछले 25 सालों से प्लांट्स रोज वर्ल्ड नाम की दुकान चला रहे हैं।
वैलेंटाइन डे पर बढ़ जाती है बिक्री
रिपोर्ट के मुताबिक वैलेंटाइन डे और रोज डे जैसे दिनों में सुब्रता की फूलों की बिक्री लगभग 50 प्रतिशत बढ़ जाती है। लेकिन आम दिनों में मुनाफा थोड़ा कम हो जाता है। खाद, मजदूरों का खर्च और पौधों की देखभाल करना उनके लिए बड़ी चुनौती है। वेलेंटाइन डे के दौरान सबसे ज्यादा बिकने वाले फूल गुलाब का गुलदस्ता होता है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाए अपना बिजनेस
सुब्रता ने अपने बिजनेस को फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बढ़ाया है, जिससे उन की कमाई तो बढ़ी है, लेकिन पैकेजिंग, देखभाल और मार्केटिंग का खर्च भी आया है। वह गुलाब, डच गुलाब, ग्रैंडिफ्लोरा गुलाब, काला गुलाब और चाइना गुलाब समेत कई तरह के फूल और गुलाब बेचते हैं। फूलों का बिजनेस आसान नहीं है। पौधों को अच्छी तरह से रखने के लिए बहुत ध्यान देना होता है, समय पर खाद डालना, पानी देना, उनकी टहनियां काटना और बीमारियों से बचाना जरूरी होता है। हर फूल का ख्याल अलग-अलग तरह से रखना होता है। सुब्रता की नर्सरी 20 एकड़ में फैली हुई है और इतने सारे पौधों की देखभाल करना उनके लिए एक चुनौती होती है।
कोविड-19 में हुआ घाटा
कोविड-19 के समय फूलों की खेती करने वाले लोगों को बहुत घाटा हुआ था। उसी समय सुब्रता ने अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि “कोविड के दौरान ऑनलाइन पौधों की डिलीवरी बहुत मददगार साबित हुई।” उन्होंने यह भी बताया कि “लोग अपने टेरेस गार्डन को सजाना तो चाहते हैं, लेकिन पौधों की देखभाल करना नहीं जानते हैं।” ऐसे में सुब्रता फूल खरीदने वालों को पौधों की देखभाल के बारे में भी बताते हैं।
सुब्रता ने बताया कि फूलों को बेचने के पीछे भी एक सोच होती है। वह फूलों के मौसम का अध्ययन करते हैं, उनके उगने के लिए सही माहौल तैयार करते हैं और सही मात्रा में फूल तोड़ते हैं। फूलों के खराब होने का डर भी इस बिजनेस में एक चुनौती है। सुब्रता ने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया है और अपने फूलों के बिजनेस से हर महीने लगभग एक लाख रुपये कमाते हैं।