ऑगर मशीन के सरिए में फंसने से रुका ऑपरेशन,अब मजदूरों को बाहर निकलने के लिए बना नया प्लान
नई दिल्ली। उत्तरकाशी में सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां खतरे में हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी है,लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में बार-बार आ रही अड़चनें इंतजार को और लंबा खींचती जा रही है। इस बीच ऑगर मशीन ने फिर झटका दिया। मशीन के सामने बड़ी बाधा आने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रुका हुआ है। हालांकि अब मजदूरों को बाहर निकालने दूसरे ऑप्शन का रूख करने की तैयारी है। रेस्क्यू के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी है।
मीटिंग साइट पर सबसे बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में वर्टिकल ड्रिलिंग करने पर फैसला लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सतलुज जल विद्युत निगम तथा तेल और प्राकृतिक गैस आयोग ने वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके लिए टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं।
ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जा सकता है। बीआरओ ने कहा कि सड़क को मेन्टेन कर रहे है ताकि वर्टिकल मशीन को आसानी से ऊपर पहुंचा जा सके।
इससे पहले सुबह यह भी खबर सामने आई कि रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार आ रही बाधाओं के बीच मैनुएल ड्रिलिंग पर भी विचार चल रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि मैनुअल ड्रिलर्स उस बचे हुए मलबे को काटेंगे जो 41 मजदूरों के रेस्क्यू के बीच बाधा बनकर खड़ा है। मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए इस बाधा बने मलबे को काटा जाएगा। इसके बाद आगे के बचे हिस्से में पाइप डाले जाएंगे।
ऑगर मशीन में अब क्या समस्या आई?
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू के दौरान ऑगर मशीन के सामने एक बड़ी बाधा आ गई। शुक्रवार (24 दिसंबर) शाम को ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया। इसकी वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए। इसे ऑपरेशन के दौरान अब तक की सबसे बड़ी मुश्किल के तौर पर देखा गया।
वहीं, ऑगर मशीन के ब्लड को निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है,जिसके चलते जाल को काटकर मशीन को पीछे लाया जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म टूटने की वजह से भी रेस्क्यू में रुकावट आई थी।