लाख टके का सवाल! क्या उद्धव ठाकरे ने ही रचा है ‘सरकार’ से EXIT PLAN?
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना के दिग्गज नेता एकनाथ शिंदे की गिनती मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबियों में होती है। शिंदे शिवसेना के पुराने नेता हैं,लेकिन वही शिंदे अब बागी हो चुके हैं और 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करके महाराष्ट्र सरकार को हिलाकर रख दिए हैं।
कहीं खुद उद्धव ठाकरे ने तो पैदा नहीं किया संकट
एकनाथ शिंदे का बगावती तेवर हैरान तो करता है,लेकिन सवाल भी खड़ा करता है कि क्या कहीं उद्धव ठाकरे ने तो खुद ही नहीं महाराष्ट्र में ये सियासी संकट पैदा किया,क्योंकि राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा चल रही है कि महाविकास अघाडी गठबंधन से शिवसेना को निकालने का उद्धव का ये प्लान हो सकता है।
बता दें कि ढाई साल पहले महाराष्ट्र में जब चुनाव हुए थे तब बीजेपी-शिवसेना ने एकसाथ हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा था। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों दलों में विवाद बढ़ता गया और दोनों के रास्ते अलग हो गए।
बीजेपी से अलग होने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाडी गठबंधन का गठन किया. इस गठबंधन को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए,क्योंकि इसमें तीनों अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां थीं। कहा जाने लगा कि ये गठबंधन कितने दिनों तक चलेगा। गठबंधन के गठन के साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को शिवसेना को घेरने का मौका मिल गया।
अब चर्चा है कि उद्धव शिवसेना को इस गठबंधन से निकालना चाहते हैं और उनके ही इशारे पर महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पैदा हुआ है। अगर उद्धव का ये प्लान है तो इससे शिवसेना को क्या फायदा होगा,उसपर हम नजर डालते हैं।
शिवसेना अगर कांग्रेस-एनसीपी से पीछा छुड़ाकर बीजेपी का हाथ थामती है तो उसे ये फायदे होंगे…
• आने वाले बीएमसी चुनाव में गठबंधन से सत्ता स्थापित करने का मौका
• साल 2024 में भी बीजेपी के साथ सरकार में बने रहने का मौका
• ठाकरे परिवार और शिवसेना के करीबी और बड़े नेताओं को ईडी जांच की आंच से राहत
• सरकार में बिना किसी पद के पहले की तरह मातोश्री से सरकार का रिमोट चलाने का मौका
• खुद के बिगड़ते स्वास्थ्य पर बेहतर ध्यान देने का मौका