‘दर्जी मर्द है..नहीं लेगा औरतों का नाप’,महिला आयोग का फैसला?
। उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई बड़े प्रस्ताव पेश किए हैं। जिनमें पुरुष दर्जियों पर महिलाओं के कपड़ों का नाप न लेने की पाबंदी और जिम व योगा सेंटरों में महिला ट्रेनर्स की अनिवार्यता शामिल है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को असहज परिस्थितियों से बचाना और उनके अधिकारों की सुरक्षा करना है। यह प्रस्ताव 28 अक्टूबर को महिला आयोग की एक बैठक में पेश किया गया। जहां सुरक्षा के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आयोग का यह निर्णय कानपुर में हाल ही में घटित एक गंभीर घटना के बाद आया, जिसमें एक पुरुष जिम ट्रेनर ने महिला की हत्या कर दी थी।
जिम ट्रेनर ने की थी महिला की हत्या
दरअसल, कानपुर में एक जिम ट्रेनर द्वारा महिला की हत्या का मामला सामने आया, जिसने इस विषय पर बहस छेड़ दी। एकता गुप्ता नाम की महिला कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में स्थित जिम में जाती थीं। एकता जून में लापता हो गई थीं। बाद में जांच में सामने आया कि उन्हें जिम ट्रेनर विमल सोनी ने अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार विमल ने प्रोटीन शेक में नशीला पदार्थ मिलाकर एकता को बेहोश कर दिया और एक विवाद के दौरान उन्हें थप्पड़ मारा, जिससे गिरने के बाद उनकी मौत हो गई। विमल ने एकता का शव एक खाली पड़े प्लॉट में दफना दिया था। इस घटना ने जिम जैसी जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिम और योग सेंटर में महिला ट्रेनर्स
महिला आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रस्ताव रखा कि सभी महिला जिम और योग सेंटर में महिला ट्रेनर्स की नियुक्ति अनिवार्य होनी चाहिए। इसके साथ ही, इन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव भी दिया गया है ताकि महिलाओं की गतिविधियां सुरक्षित रह सकें और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना का सबूत मौजूद रहे। आयोग का मानना है कि इन सुरक्षा उपायों से महिलाओं को उन स्थानों पर असुरक्षित महसूस नहीं करना पड़ेगा जहाँ वे अपनी फिटनेस और स्वास्थ्य पर काम करने जाती हैं।
पुरुष दर्जियों को महिलाओं का नाप लेने से रोका जाए
इसी क्रम में, महिला आयोग ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि कपड़े सिलाई करने के काम में महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पुरुष दर्जियों को महिलाओं का नाप लेने से रोका जाए।आयोग का मानना है कि कई बार पुरुष दर्जियों के साथ नाप लेते समय महिलाएं असहज महसूस करती हैं, और यह असहजता कभी-कभी गलत मंशा की वजह से उत्पन्न होती है। आयोग के अनुसार, महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से यह आवश्यक है कि दर्जियों की दुकानों में सिर्फ महिला कर्मचारी ही महिलाओं का नाप लें और दुकान पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं ताकि किसी भी संभावित घटना को रोका जा सके।
सभी स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी
इसके अलावा, आयोग ने सुझाव दिया है कि सभी स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या महिला शिक्षिका की नियुक्ति की जाए ताकि स्कूली छात्राओं की यात्रा भी सुरक्षित हो सके। इसी तरह, सैलून और ब्यूटी पार्लर में भी महिला ग्राहकों की देखभाल महिला कर्मचारी ही करें, और इन जगहों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। आयोग का मानना है कि इन प्रावधानों से महिलाओं को इन स्थानों पर अधिक सुरक्षित महसूस होगा और वे निडर होकर अपनी गतिविधियों में संलग्न रह सकेंगी।
महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा जरूरी
आयोग ने इन सभी प्रस्तावों को लागू करने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया है और कहा है कि इन उपायों से महिलाओं के प्रति समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने कहा कि ये फैसले महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए जरूरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग का यह प्रयास संकीर्ण सोच से प्रेरित नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करना है।
महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस कर सकेंगी
इन प्रस्तावों पर विचार करते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार द्वारा इन्हें लागू करने के बाद प्रदेश की महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस कर सकेंगी। राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद महिला आयोग के ये प्रस्ताव लागू होंगे, जो महिलाओं की सुरक्षा को एक नया स्तर प्रदान कर सकते हैं।