लग चुका है चंद्र ग्रहण का सूतक,यहां दिखेगा दुर्लभ नजारा,जानें अपने शहर की टाइमिंग

लग चुका है चंद्र ग्रहण का सूतक,यहां दिखेगा दुर्लभ नजारा,जानें अपने शहर की टाइमिंग
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नई दिल्ली। साल का पहला चंद्र ग्रहण आज 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन 06 मई को रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगा। यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। वैज्ञानिकों का कहना है कि, अगर मौसम की स्थिति अनुकूल रहती है, तब भारत के कुछ शहरों में इस दुर्लभ घटनाक्रम के नजारे को देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण में अंतर
सौर गतिविधियों में रुचि रखने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है। पर उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के हल्के बाहरी क्षेत्र में गुजरता है, यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पृथ्वी सूर्य की डिस्क के हिस्से को ढकती हुई प्रतीत होती है लेकिन पूरी नहीं, इसे पेनम्ब्रा कहा जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से देखना संभव नहीं होता है इसे दूरबीन वगैरह की मदद से देखा जा सकता है।

किन शहरों में दिखेगा नजारा
खगोलीय वैज्ञानिकों के मुताबिक यह चंद्रग्रहण दुर्लभ है। इस खगोलीय घटना को एशिया और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के एक बड़े हिस्से में देखा जा सकेगा। देश की बात करें तो धार्मिक नगरी वाराणसी, मथुरा उज्जैन के अलावा नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, कानपुर और पटना समेत देश के कई शहर इस घटनाक्रम के गवाह बन सकेंगे। चंद्रग्रहण 5 मई को रात 10:52 बजे अपने पीक पर होगा। यह वह समय होता है जब चंद्रमा छाया के केंद्र के सबसे करीब होता है।

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नई दिल्ली: 8:44 pm (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
मुंबई: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
चेन्नई: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
कोलकाता: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
हैदराबाद: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
बेंगलुरू: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
भोपाल: रात 8:44 बजे (5 मई)से 01:01 सुबह (6 मई)
चंडीगढ़: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)
पटना: रात 8:44 बजे (5 मई) से 01:01 सुबह (6 मई)

चंद्रग्रहण पर क्या करें और क्या न करें?
चंद्रग्रहण का सूतक काल- चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ होने से 9 घंटे पहले ही आरंभ हो जाता है। इस अवधि में मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। सूतक काल के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। चंद्रग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। इस दिन गर्भवती महिलाओं को सिलाई, बुनाई आदि कार्यों से बचना चाहिए। ग्रहणकाल में मंत्र जाप,स्तुति करनी चाहिए। ग्रहणकाल में ध्यान करना भी विशेष लाभकारी माना जाता है।

किसी भी ग्रहण में बंद नहीं होता ये मंदिर
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण सभी मंदिरों के कपाट सूतक के समय से ग्रहण के मोक्ष काल तक बंद रहते हैं,लेकिन सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सूतक और ग्रहण काल के दौरान भी खुले रहते हैं। कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत के मुताबिक 12 राशियां और नौ ग्रह स्वयं मां के भवन में विराजमान हैं, जो मां के पुत्रों के रूप में यहां रहते हैं। मां कालका स्वयं काल की स्वामिनी हैं। ऐसे में दिल्ली स्थित कालकाजी माता का मंदिर किसी भी ग्रहण के दौरान बंद नहीं होता है।

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