प्रयागराज में खतरे के निशान से निचे गंगा- यमुना का जलस्तर,दोनों नदियों के घटने की उम्मीद

प्रयागराज में खतरे के निशान से निचे गंगा- यमुना का जलस्तर,दोनों नदियों के घटने की उम्मीद
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प्रयागराज। गंगा-यमुना के बाढ़ से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। प्रयागराज में खतरे के निशान से लगभग एक मीटर 20 सेमी ऊपर बह रहीं गंगा और यमुना का जलस्तर सोमवार की रात से स्थिर हो गया था, वहीं आज मंगलवार 30 अगस्‍त की सुबह से जलस्‍तर कम होने लगा है। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के अधिकारियों ने भी राहत की खबर दी है। कहा कि अब दोनों नदियों का जलस्तर कम होने की उम्मीद है। यहां देखें कि प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्‍तर मंगलवार की सुबह 8 बजे तक कितना था।

फाफामऊ में गंगा नदी- 85.88 मीटर (जलस्‍तर घटा है)

छतनाग में गंगा नदी- 85.02 मीटर (जलस्‍तर घटा है)

नैनी में यमुना नदी- 85.84 मीटर (जलस्‍तर घटा है)

– खतरे के निशान के सवा मीटर ऊपर बह रहीं दोनों नदियों ने धारण किया है विकराल रूप

– केन, बेतवा व चंबल में जलस्तर कम होने से गंगा-यमुना के भी घटने की बढ़ी उम्मीद

– तटीय क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश, एनडीआरएफ, जल पुलिस ने संभाला है मोर्चा

– 10 दिनों से जिले में दोनों नदियों में बनी है बाढ़ की स्थिति

गंगा नदी 

85.78 मीटर- वर्ष 2019

86.06 मीटर- वर्ष 2013

87.09 मीटर- वर्ष 1978

यमुना नदी

85.54 मीटर- वर्ष 2019

86.05 मीटर- वर्ष 2013

87.10 मीटर- वर्ष 1978

 सोमवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 85.93 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद आठ घंटे तक गंगा का जलस्तर स्थिर रहा। शाम चार बजे गंगा घटना शुरू हुईं। शाम छह बजे 85.91 मीटर पर गंगा स्थिर हो गईं। इसी तरह यमुना की भी स्थिति रही। यमुना सोमवार सुबह आठ बजे 85.86 मीटर पर रहीं जबकि रात में 85.90 मीटर पर पहुंचकर स्थिर हो गईं।

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बताते हैैं कि केन, बेतवा और चंबल नदियों का जल स्तर कम होने लगा है। अब दोनों नदियों के घटने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ पीडि़तों को राहत मिलेगी। बाढ़ से अब तक लगभग सात हजार लोग 21 राहत शिविरों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैैं। लगभग 42 मोहल्ले और 128 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। अब तक 53 हजार लोग बेघर हो चुके हैैं।


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