Sunday, December 3, 2023
spot_img
Homecrime newsबैंक मैनेजर का कत्ल पत्नी का ये थे प्लान...

बैंक मैनेजर का कत्ल पत्नी का ये थे प्लान…

आगरा में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। आरोपी पत्नी हत्या की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गई। अभी तक आरोपी प्रियंका पुलिस के हाथ नहीं लगी है।
हालांकि पुलिस ने पत्नी की तरफ से महिला थाने में लिखाया दहेज उत्पीड़न का मुकदमा खारिज कर दिया। यह माना गया कि मुकदमा फर्जी तरीके से लिखाया गया। उधर, मृतक के परिजन ने पुलिस कार्रवाई पर सवा उठाए हैं।

रामरघु एग्जॉटिका काॅलोनी, ताजगंज निवासी सचिन उपाध्याय शमसाबाद स्थित बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। उनकी 11 अक्तूबर रात को हत्या कर दी गई थी। 12 अक्तूबर को पुलिस को आत्महत्या की सूचना दी गई थी। 13 अक्तूबर को पोस्टमार्टम हुआ। इसकी रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई।

पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर पर बहू प्रियंका उर्फ मोना, बेटे के ससुर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह रावत और साले कृष्णा रावत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इससे पहले ही 17 अक्तूबर को प्रियंका की ओर से महिला थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें उन्होंने ससुरालियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। 
यह भी लिखा था कि पति ने आत्महत्या कर ली। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि महिला थाना में मुकदमा सचिन की हत्या के बाद लिखाया गया था। मुकदमा खारिज कर दिया गया है। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

गिरफ्तारी के लिए दबिश का नाटक कर रही पुलिस
मृतक सचिन के पिता केशव शर्मा ने बताया कि वह 14 दिन से थाने के चक्कर काट रहे हैं। उनसे बोल दिया जाता है कि पुलिस कार्रवाई कर रही है। मगर, पुलिस शुरू से ही लापरवाही कर रही है। आरोपी पहले ही दिन पकड़ लिए जाते, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। 

हत्या की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी के लिए दबिश का नाटक किया जा रहा है। पुलिस पहले ही दिन प्रियंका को पकड़ सकती थी। वह बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हुई थी। तब महिला थाने के विवेचक बयान लेने गए थे।

इसे भी पढ़े   काशी विश्वनाथ धाम तक दौड़ेगी सोलर वाटर टैक्सी, 2023 से शुरू होगा सेवा 

हत्याकांड के बाद लापरवाही करने वाली पुलिस क्या साक्ष्य जुटा पाएगी?
उठ रहे सवाल
– पुलिस ने प्रियंका को नोटिस देने का दावा किया। क्या दबिश दी गई?
– कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी नामजद हैं। क्या उनसे पूछताछ हुई?
– फरार आरोपियों के कोर्ट से वारंट क्यों नहीं लिए गए? इतनी देरी क्यों?
– पुलिस ने क्राइम सीन को दोहराने की बात कही थी। यह क्यों नहीं किया गया?

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img