छेड़छाड़ से तंग आकर इंटर की छात्रा ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में गांव के युवक का ज़िक्र
बांदा जिले में गांव के युवक की हरकतों से आजिज आकर इंटर की छात्रा घर में फांसी पर झूल गई। शव के पास दो पृष्ठ का सुसाइड नोट मिला है। इसमें छात्रा ने एक युवक का नाम उजागर करते हुए उसकी हरकतों और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आत्महत्या करना बताया है।
पुलिस पूरी घटना और सुसाइड नोट की जांच कर रही है। फिलहाल आरोपी युवक को गिरफ्तार नहीं किया गया है। घटना देहात कोतवाली क्षेत्र के करबई गांव की है। रोशनी (19) पुत्री रामप्रसाद गांव के ही इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा थी। रविवार को शाम उसने कमरा बंद किया और पत्नी नायलॉन की रस्सी छत पर बांधकर फंदे पर झूल गई। कुछ देर बाद छोटे भाई ने दरवाजे खुलवाना चाहा तो बंद थे। आनन-फानन दरवाजा खोलकर देखा तो रोशनी फंदे पर लटकी थी। उसकी मौत हो चुकी थी। इसी बीच देहात कोतवाली पुलिस पहुंच गई। उप निरीक्षक भूपेंद्र सिंह ने कमरे की जांच-पड़ताल की तो दो पृष्ठीय सुसाइड नोट मिला। बहन को संबोधित पत्र में गांव के एक युवक का जिक्र है जो उसे ब्लैकमेल करके परेशान कर रहा था।
सुसाइड नोट के अंत में खून से यह भी लिखा था कि मां का ख्याल रखना। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतका के भाई ने बताया कि गांव का युवक रोशनी को कॉलेज आते-जाते समय परेशान करता था। मृतका रोशनी चार बहनों में सबसे छोटी थी। घटना के समय मां रिश्तेदारी में पलरा गांव गई हुई थी। क्षेत्राधिकारी नगर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट में युवक पर आरोप लगाया है। तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है। जांच के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।….गुड़िया मैं तुम्हारे पास आकर सबकुछ बताना चाहती थी। …मेरे साथ क्या कर रहा है।
मुझे माफ कर देना। मैं तुमको जिंदा छोड़कर जा रही हूं। मैंने सर को बताया था कि…मुझे ब्लैकमेल कर रहा है। पर मैं उनसे कैसे बताती कि मेरे साथ क्या हो रहा है। सर ने कभी मुझे गलत नहीं सिखाया। हमेशा अच्छा ही सिखाते थे। मैंने वैसा किया भी। मैं क्या करूं। मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था मरने के अलावा। इसके अलावा सुसाइड नोट के अंत में बड़े अक्षरों में खून से लिखा- मां का ख्याल रखना। सुसाइड नोट में गांव के युवक द्वारा परेशान किए जाने की बात के बारे में मृतका छात्रा के परिजनों का कहना है कि रोशनी ने युवक की हरकतों को बर्दाश्त किया। घर में भी नहीं बताया। न ही पुलिस को इत्तिला दी। काफी समय के बाद जब घरवालों को पता चला तो युवक को सुधर जाने की हिदायत दी। लेकिन फिर भी नहीं माना। यह बात मृतका के भाई ने भी स्वीकारी है।