बांग्लादेश में आंदोलन चलाने वाले दो छात्र नेता बनाए गए मंत्री,मोहम्मद यूनुस ने दिए अहम विभाग
ढाका। बांग्लादेश में बीते कुछ समय से चल रही हिंसा और अराजकता के बीच देश में सत्ता बदल गई है। शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद प्रोफेसर मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में सरकार बनी है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में सलाहकारों की 16 सदस्यीय परिषद की घोषणा की गई है। इनमें अलग-अलग क्षेत्रों से लोगों को चुना गया है। यूनुस कैबिनेट में सबसे ज्यादा ध्यान दो नामों ने खींचा हैं। ये नाम नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद के हैं। नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद छात्र नेता हैं। दोनों हाल के समय में हुए छात्रों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे, यही आंदोलन शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने की वजह बने।
देशभर में छात्रों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ग्रुप स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के आसिफ और नाहिद को नई कैबिनेट में शामिल किया गया है। नाहिद इस्लाम देश के दूरसंचार मंत्रालय के प्रमुख बनाए गए हैं। 26 साल समाजशास्त्र स्नातक नाहिद इस्लाम छात्र प्रदर्शन के अगुवा रहे और उनको पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। आसिफ महमूद को युवा और खेल मंत्रालय सौंपा गया है। 25 साल के आसिफ भाषा विज्ञान में ग्रेजुएट हैं। आसिफ और नाहिद इस्लाम छात्र आंदोलन का सबसे अहम चेहरा रहे, जिसका ईनाम उनको नई सरकार मे मिला है।
यूनुस ने अपने पास रखे 27 मंत्रालय
अंतरिम सरकार के अगुवा मोहम्मद यूनुस ने 27 मंत्रालय अपने पास रखे हैं। यूनुस ने रक्षा, सूचना, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य और जल संसाधन जैसे अहम विभाग खुद रखे हैं। दूसरे अहम मंत्रालयों की बात की जाए तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में पूर्व विदेश सचिव एम तौहीद हुसैन को विदेश मंत्रालय का प्रमुख नियुक्त किया है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मंत्रालय मिला है। हुसैन 2007 से 2012 तक देश के चुनाव आयुक्त भी रहे हैं। प्रोफेसर आसिफ नजरुल को कानून मंत्रालय मिला है। नजरुल ने खुलकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था।
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अब जजों को हटाए जाने की मांग की जा रही है। छात्रों ने चीफ जस्टिस के इस्तीफे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान किया। ये विरोध प्रदर्शन यूनुस के अंतरिम नेता के रूप में पदभार संभालने के बाद हुआ है। इस बीच कई छात्र नेताओं ने कहा है कि शेख हसीना को देश लौटने के बाद अपने कार्यकाल के दौरान हुई हत्याओं के लिए मुकदमे का सामना करना होगा। छात्र नेताओं का कहना है कि हालिया प्रदर्शनों में करीब 300 लोग मारे गए, जिनमें कई विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र थे। इसकी जवाबदेही हसीना पर मुकदमा चलाकर तय की जाए। ये बयान ऐसे समय आया है जब हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कहा है कि चुनाव की घोषणा होते ही वह बांग्लादेश लौट आएंगी।