बिजनौर के शातिर अपराधी मुनीर का bhu के सर सुन्दरलाल अस्पताल में तोडा दम

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वाराणसी | आतंकी संगठनों के साथ संपर्क रखने वाले बिजनौर के शातिर अपराधी मुनीर ने सोमवार को वाराणसी के बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में दम तोड़ दिया।

बिजनौर में एनआइए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी की वर्ष 2016 में हत्या करने वाला मुनीर अहमद सोनभद्र जिला जेल में बंद था। जहां पर तबीयत खराब होने पर उसको वाराणसी में भर्ती कराया गया था।बीते पांच वर्ष से सोनभद्र जेल में बंद मुनीर को पेशाब की नली में इंफेक्शन के साथ उसको न्यूरो से जुड़ी समस्या थी।

बिजनौर के सहसपुर के मुनीर को करीब पांच महीने पहले तंजील अहमद और उनकी पत्नी की हत्या के मामले में बिजनौर की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। वह सोनभद्र जिला जेल में बंद था। गुरुवार रात को तबीयत खराब होने के बाद उसको सोनभद्र से बीएचयू के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुनीर अहमद ने वर्ष 2016 में बिजनौर में एनआइए के अफसर तंजील अहमद और उनकी पत्नी की हत्या की थी। मुनीर को बिजनौर के अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुनीर अहमद के आतंकी कनेक्शन भी सामने आए थे। उसके खिलाफ उस पर हत्या लूट समेत 41 मुकदमे दर्ज थे। मुनीर की गिनती खुंखार अपराधियों में होती थी। इसी कारण उसको पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी जिले के जेल में नहीं रखा गया था। मुनीर उन दिनों एनआईए अफसर और उनकी पत्नी की हत्या के अलावा बैंक से 96 लाख की लूट की समेत कई दुर्दांत अपराधों में शामिल था।

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मुनीर ने दो अप्रैल 2016 को सहसपुर निवासी एनआइए अफसर तंजील अहमद और उसकी पत्नी फरजाना की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। कुख्यात अपराधी मुनीर ने एनआइए के अफसर तंजील और उसकी पत्नी की हत्या उस समय कर दी थी जब वो दोनों बिजनौर जिले में शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। मुनीर और उसके साथी ने कार रुकवाकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी। एनआइए अफसर तंजील अहमद की मौके पर मौत हो गई थी। उनकी पत्नी फरजाना ने मुरादाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। दोनों बच्चों ने सीट के नीचे घुसकर अपनी जान बचाई थी।

गैंगस्टर मुनीर अहमद ने 28 मार्च 2016 को धामपुर के पंजाब नेशनल बैंक से बाहर से 91 लाख रुपये लूट की थी।  तंजील की हत्या की में मुनीर का नाम आने के बाद वह कई राज्यों की पुलिस के निशाने पर आ गया था। कुछ दिनों बाद उसकी दिल्ली में गिफ्तारी हो गई थी। इसके अलावा उस पर दिल्ली, अलीगढ़ और लखनऊ समेत कई वारदात को अंजाम दिया था। उसने सिपाही की हत्या कर पिस्टल भी लूटी थी। उस पर कई राज्यों में 41 केस दर्ज थे। कड़ी सुरक्षा में उसे पेशी पर लाया जाता था।

मुनीर को तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या के आरोप में 21 मई को फांसी की सजा सुनाई थी । एडीजे स्पेशल कोर्ट ने मुनीर और उसके साथी रेहान को फांसी की सजा सुनाई थी। गैंगस्टर में भी उसे सजा हुई थी।


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