नाबालिगों और महिलाओं को छोड़े जाने पर खुशी की लहर,फिलिस्तीनी परिवारों में

नाबालिगों और महिलाओं को छोड़े जाने पर खुशी की लहर,फिलिस्तीनी परिवारों में
ख़बर को शेयर करे

इजरायल। इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के तहत इजरायली जेलों से रिहा हुए तीन दर्जन से ज्यादा फिलिस्तीनियों का शुक्रवार को वेस्ट बैंक पहुंचने पर जबरदस्त तरीके से स्वागत किया गया।

रिहा किए गए कैदियों में कुछ को छोटे अपराधों के लिए और कुछ को हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था। इन सभी कैदियों को यरूशलम के बाहर एक जांच चौकी पर रिहा किया गया, जहां भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग एकत्रित हुए थे। इन लोगों ने नारे लगाएं, तालियां बजाईं और हाथ हिलाएं।

रिहा किए गए कैदियों में पंद्रह युवक स्तब्ध दिखाई दे रहे थे। मैले कपड़े पहने, थकावट से चूर ये युवक रिहा होने के बाद जब अपने-अपने पिता से मिले तो उनके कंधों पर सिर रखकर रोते हुए दिखाई दिए। रिहाई का समय रात का था लेकिन आतिशबाजी की वजह से आसमान अलग-अलग रंगों से पटा हुआ दिखाई दिए वहीं देशभक्ति के संगीत ने माहौल को और खुशनुमा बना दिया।

रिहा किए गए कैदियों में से कुछ ने फिलिस्तीनी झंड़ों को हाथ में लिया हुआ था तो कुछ ने हमास के हरे झंड़ों को अपने कंधों पर लिया हुआ था। जांचचौकी से बाहर निकलने के बाद उन्होंने जीत का संकेत दिया।

रिहा हुए कैदियों में एक 17 साल का लड़का जमाल बाहमा भी था,जो उस दौरान धक्का-मुक्की कर रहे पत्रकारों और नारे लगाते हजारों फिलिस्तीनी की भीड़ में कुछ कहने की कोशिश कर रहा था। जमाल ने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं है, मेरे पास शब्द नहीं है।’ उसने कहा, ‘भगवान का शुक्र है।’

इसे भी पढ़े   मिक्सर मशीन की चपेट में आने से मजदूर की मौत

जमाल के पिता ने जब अपने बेटे को गले से लगाया तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे, क्योंकि वह सात महीनों में पहली बार अपने बेटे को देख रहे थे। इजरायली बलों ने जमाल को पिछले वसंत में फिलिस्तीनी शहर जेरिको में उसके घर से गिरफ्तार किया था और बिना किसी सुनवाई व आरोप के उसे हिरासत में रखा हुआ था।

जमाल के पिता ने कहा, ‘मैं उसे फिर से पिता की परवरिश देना चाहता हूं।’ इजरायल और हमास के बीच चार दिवसीय संघर्ष विराम शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसके दौरान इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली में गाजा में 13 इजरायलियों सहित दो दर्जन बंधकों को कैद से रिहा किया गया। इजरायली बंधकों के रिहा होने के कुछ घंटों बाद इजरायल की जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया।

रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों में 24 महिलाएं भी शामिल थीं, जिनमें से कुछ को इजरायल के सुरक्षाकर्मियों को चाकू मारने और अन्य प्रकार के हमलों के प्रयास में कई साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं अन्य कैदियों को सोशल मीडिया पर उकसाने के आरोप में कैद किया गया था।

रिहा किए गए कैदियों में 15 नाबालिग भी शामिल थे, जिनमें से ज्यादातर पर पथराव और ‘आतंकवाद का समर्थन करने’ का आरोप था। इजराइल लंबे अरसे से फिलिस्तीनी युवाओं पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाकर कार्रवाई करता आ रहा है, जो कब्जे वाले क्षेत्र में हिंसा बढ़ने की मुख्य वजह रहा है।

रिहा किए गए कैदियों में से एक संयुक्त राष्ट्र (संरा) के कार्यकर्ता अब्दुलकादर खतीब का 17 वर्षीय बेटा इयास भी है, जिसे पिछले साल गुप्त साक्ष्यों पर बिना किसी आरोप या मुकदमे के ‘प्रशासनिक हिरासत’ में लिया गया था।

इसे भी पढ़े   घटती कमाई के बीच शाहरुख खान का बड़ा ऐलान,Jawan का एक टिकट खरीदने पर एक फ्री का ऑफर

खतीब ने कहा, ‘एक फिलिस्तीनी होने के नाते गाजा में अपने भाइयों के लिए मेरा दिल टूट गया है, इसलिए मैं खुशी नहीं मना सकता। लेकिन मैं एक पिता हूं और अंदर ही अंदर काफी खुश हूं।’


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *