विचाराधीन कैदियों की रिहाई को लेकर PM मोदी ने दिया ये सुझाव,क्या कहा

विचाराधीन कैदियों की रिहाई को लेकर PM मोदी ने दिया ये सुझाव,क्या कहा
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायपालिका से आग्रह किया कि वह अलग-अलग जेलों में बंद और कानूनी मदद का इंतजार कर रहे विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। पीएम मोदी ने अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की पहली मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापार की सुगमता और जीवन की सुगमता जितनी महत्वपूर्ण है,न्याय की सुगमता भी उतनी ही अहम है। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और सभी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

विचाराधीन कैदियों को मुहैया कराई जाए कानूनी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,‘जेलों में कई विचाराधीन कैदी कानूनी मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हमारे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विचाराधीन कैदियों को कानूनी मदद मुहैया कराने की जिम्मेदारी ले सकते हैं।’

विचाराधीन कैदियों की रिहाई में लाई जाए तेजी
पीएम मोदी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले जिला जजों से आग्रह किया कि वे विचाराधीन मामलों की समीक्षा संबंधी जिला-स्तरीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में अपने दफ्तरों का इस्तेमाल करके विचाराधीन कैदियों की रिहाई में तेजी लाएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने की ये अपील
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में एक अभियान शुरू किया है। उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस प्रयास में और अधिक वकीलों को जोड़ने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि e-Courts Mission के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू किए जा रहे हैं। Traffic Violation जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है।

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पीएम मोदी ने कहा कि एक आम नागरिक संविधान में अपने अधिकारों से परिचित हो,अपने कर्तव्यों से परिचित हो, उसे अपने संविधान, और संवैधानिक संरचनाओं की जानकारी हो, Rules और Remedies की जानकारी हो,इसमें भी टेक्नोलॉजी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।


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