3500 करोड़ के नोटिस पर ऐसा क्या बोला आयकर विभाग? बीच चुनाव खुश हो गई कांग्रेस
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बैंक खाते जब्त होने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी को आज बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह करीब 3,500 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस के संबंध में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज किया कि मामले पर अंतिम फैसला आने तक मौजूदा परिस्थितियों में तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद पीठ ने कर मांग नोटिस पर कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई जुलाई के लिए स्थगित कर दी।
नतीजा आपको 10 गुना चौंका देगा
मेहता ने सुनवाई की शुरुआत में कहा, ‘मैं इस मामले में एक बयान देना चाहता हूं। कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और चूंकि चुनाव (चुनावी प्रक्रिया) जारी हैं, हम पार्टी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा कि विभाग मामले के औचित्य पर टिप्पणी नहीं कर रहा और सभी अधिकार एवं दावे खुले रहने चाहिए।
कांग्रेस के वकील ने की तारीफ
कांग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस कदम की सराहना की और इसे ‘उदार’ बताया। उन्होंने कहा कि मार्च और उससे पहले के कई वर्षों के लिए कुल लगभग 3,500 करोड़ रुपये के नोटिस जारी किए गए हैं।
कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला, जिसके जरिए आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई है। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है। पार्टी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है। कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं।