आतंकियों के पनाहगार पाक को आखिर EU ने High-Risk Countries लिस्ट से क्यों किया बाहर?
नई दिल्ली। यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले तीसरे देशों की लिस्ट से बाहर कर दिया है। यह ऐसी स्थिति में हुआ है,जब पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था अच्छी नहीं है और न वहां के हालात बेहतर हैं। पाकिस्तान से आतंकी संगठनों का संचालन किसी से छिपा नहीं है। इन सबके बाद भी यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान को हाई रिस्क देशों की लिस्ट से बाहर किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने EU के इस कदम को सकारात्मक माना और सराहना की है। यूरोपियन यूनियन के इस कदम को पाकिस्तान खुद के लिए बड़ी सफलता के तौर पर देख रहा है,उसे उम्मीद है कि इस कदम से व्यावसायिक गतिविधि के लिए मौजूदा स्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा।
बुधवार, 29 मार्च को इस खबर के सामने आने के बाद पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 2018 में पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले देशों की सूची में रखने के चलते 27 सदस्यीय ब्लॉक के साथ व्यापार करने वाली पाकिस्तानी कंपनियों पर एक रेगुलेटरी बोझ आ गया था। पाकिस्तान को इस लिस्ट में अतिरिक्त नियामक प्रतिबंधों के तहत रखा गया था।
FATF की ग्रे लिस्ट से हुआ था बाहर
इससे पहले पाकिस्तान को पिछले साल ही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया था। इस फैसले के अनुरूप अब उसे उच्च जोखिम वाले देशों की सूची से भी बाहर निकाला गया है। आर्थिक स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के लिए यह कदम राहत भरा है।
मालूम हो कि यूरोपीय संघ इस सूची में उन देशों को रखता है जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग ढांचे के खिलाफ लड़ाई में कमजोर प्रदर्शन करते हैं। वहीं प्रधानमंत्री शरीफ ने एक ट्वीट में लिखा,उच्च जोखिम वाले तीसरे देशों की EU की सूची से पाकिस्तान को बाहर किया जाना देश के व्यवसायों और संस्थाओं को सुविधा प्रदान करेगा।
पाक पीएम शरीफ ने कहा कि EU का यह कदम मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का मुकाबला करने के पाकिस्तान के अटूट संकल्प को जाहिर करता है।